राजा को दिक्कत होगी लेकिन वो कायम रहेगा,बुलढाणा में भविष्यवाणी की साढ़े तीन सौ वर्ष परंपरा कायम
बुलढाणा: अकोला के जलगांव जामोद में भविष्यवाणी की साढ़े तीन सो वर्ष पुरानी परंपरा इस वर्ष भी जारी रही... इस परंपरा को भेंड़वल कहा जाता है.. जमीन के भीतर से प्राप्त होने वाले अनुभवों के आधार पर कुछ बुजुर्ग जो इस परंपरा के जानकर है वो मौसम,राज्य और देश की स्थिति के साथ अच्छी-बुरी परिस्थिति की जानकारी देते है.. रविवार सुबह ये भविष्यवाणी की गयी जिसके कई तरह के दावे किये गए..
इस भविष्यवाणियों पर खास तौर से विदर्भ और राज्य के लाखों किसानों का ध्यान रहता है, ये परंपरा साढ़े तीन सौ साल की पुरानी है, आज रविवार सुबह भविष्यवाणी की गयी. इस वर्ष के लिए जो भविष्यवाणी की गयी है उसके मुताबिक कपास की फसल का सामान्य उत्पादन होगा, ज्वार की फसल अच्छी होगी और उसकी कीमत भी अच्छी होगी। अरहर, मूंग, उड़द की फसल का उत्पादन मध्यम रहेगा। तिल की फसल बर्बाद हो जाएगी और बाजरे की फसल सामान्य रहेगी। चावल की फसल अच्छी (संतोषजनक उपज) होगी और कीमतें बढ़ेंगी। अलसी की फसल सामान्य रहेगी और खराब होने के संकेत हैं। गेहूं, मटर की अच्छी फसल होगी।
राजा संघर्ष करेगा मगर बना रहेगा
जो भविष्यवाणी की गयी है उसके सबसे दिलचप्स राजनीति से जुडी हुई है..भविष्य का जो अंदाज व्यक्त किया गया है उसके अनुसार राजा संघर्ष करेगा लेकिन बना रहेगा। राजा का यहाँ मतलब प्रधानमंत्री से है.राजा को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणी के लिए एक गद्दी ज़मीन में रखी गयी थी जो हिली नहीं मगर उस पर मिट्टी आ गयी इसी वजह से कहा जा रहा है की राजा कायम रहेगा। इस भविष्यवाणी में कहा गया है 'राजा रहेगा', लेकिन उसे बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि देश का रक्षा (तंत्र) मजबूत रहेगा, लेकिन भारत को विदेशों से कष्ट होता रहेगा। अनुमान है कि देश की आर्थिक स्थिति भी सामान्य रहेगी ।बारिश सामान्य और बेमौसम वर्षा के बारे में भविष्यवाणी करने वाले पुंजाजी महाराज ने बताया की बेमौसम बारिश का संकट बरक़रार रहेगा। हालाँकि खरीफ के लिए महत्वपूर्ण वर्षा जून -जुलाई के मध्य में होगी । अगस्त में अच्छी बारिश और सितंबर में कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी। बेमौसम बारिश जारी रहने की भविष्यवाणी की गई थी।
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