वित्त मंत्रालय ने दो हजार रुपये के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की अफवाहों का किया खंडन, बताया ‘झूठा और भ्रामक’

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने हाल ही में फैली 2,000 रुपये से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की योजना बनाने की अफवाहों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में सरकार ने ऐसे दावों को “झूठा, भ्रामक और बिना किसी आधार के” बताया।
बयान में स्पष्ट किया गया कि “सरकार 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार कर रही है, यह दावा पूरी तरह से गलत, भ्रामक और निराधार है। बयान में उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों दोनों को आश्वस्त किया गया कि “वर्तमान में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।”
बयान में आगे कहा गया, “सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।” जीएसटी कुछ उपकरणों का उपयोग करके किए गए भुगतान से संबंधित मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) जैसे शुल्कों पर लगाया जाता है।

admin
News Admin