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ट्रंप के ऐलान से भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजार हुए धराशाही, बीएसई 3200 अंक गिरा; 19 लाख करोड़ स्वाहा


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद से दुनिया भर के शेयर बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। सोमवार को जैसे ही दुनिया भर के बाजार खुले सभी में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। अन्य शेयर बाजारों  में आई गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में भी दिखाई दिया। भारतीय शेयर बाजार में दिन की शुरुआत सेंसेक्स में 4000 अंकों की गिरावट के साथ हुई, हालांकि, दोपहर बाद उसमे 800 अंको का सुधर हुआ। वहीं निफ्टी 21,750 अंक से नीचे आ गया। परिणामस्वरूप, निवेशकों को कुछ ही मिनटों में 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट आई है। भारत VIX 52 प्रतिशत से गिरकर 21 प्रतिशत पर आ गया है।

वैश्विक बाजार में बिक्री

अमेरिका, एशिया और यूरोप के बाजारों में बड़ी गिरावट आई है। जापान के शेयर बाज़ार में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है। ताइवान का बाजार 10 प्रतिशत तक गिर गया है। इसके अलावा शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। डाऊ जोन्स में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एसएंडपी 500 में 5.97 प्रतिशत की गिरावट आई। इस बीच, नैस्डैक में 5.73 प्रतिशत की गिरावट आई। परिणामस्वरूप, बाजार का परिदृश्य बदल गया और बिक्री बढ़ने लगी।

टैरिफ का प्रभाव
ट्रम्प प्रशासन ने एक साथ 180 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाया। इसका असर बाजार पर भी देखने को मिला है। ट्रम्प के निर्णय से निवेशक भयभीत हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।

आर्थिक विकास दर को लेकर चिंताएं
ट्रम्प के टैरिफ से मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है। कम्पनियों के राजस्व में गिरावट आ सकती है और लोग खर्च करने में हिचकिचाएंगे। इसका विकास पर प्रभाव पड़ेगा। चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाया है। जेपी मॉर्गन ने वैश्विक मंदी की संभावना को भी 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है।

एफआईआई की तत्काल बिक्री
मार्च में विदेशी निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में लौट आये। लेकिन वे अप्रैल में फिर से बेच रहे हैं। अकेले अप्रैल माह में अब तक 13,730 करोड़ रुपये की बिक्री हो चुकी है। यदि भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार समझौता नहीं हो पाता है तो एफआईआई का बहिर्गमन तीव्र गति से बढ़ सकता है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति पर ध्यान
आरबीआई की एमपीसी की बैठक 9 अप्रैल को है। मौजूदा हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इसके अलावा, मार्च तिमाही (Q4) के नतीजे इसी सप्ताह से आने शुरू हो जाएंगे। इसका बाजार पर भी असर पड़ेगा।