Chandrapur: आखिर वन विभाग ने आदमखोर बाघ को पकड़ा, दो किसानों की मौत के बाद वन विभाग ने की कार्रवाई
चंद्रपुर: जिले में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच वन विभाग ने चिमूर तहसील के शंकरपुर और शिवरा क्षेत्रों में आदमखोर बाघ को पकड़ने में सफलता हासिल की। यह वही बाघ है, जिसने 26 अक्टूबर और 5 नवंबर को दो किसानों की जान ले ली थी और जिसके कारण क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल बन गया था।
26 अक्टूबर को शंकरपुर उप-वन क्षेत्र के डोमा बीटा में शिवरा निवासी नीलकंठ भूरे और 5 नवंबर को शंकरपुर निवासी ईश्वर भारदे की मौत बाघ के हमले में हुई थी। लगातार दो घटनाओं के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शंकरपुर में शव सड़क पर रखकर नौ घंटे तक सड़क जाम किया था और चेतावनी दी थी कि अगर बाघ पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आंदोलन जारी रहेगा।
वन विभाग ने 6 नवंबर से बाघ को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में 35 वन अधिकारी और मजदूर चौबीसों घंटे क्षेत्र की निगरानी कर रहे थे। पाँच दिनों के अथक प्रयासों के बाद, सोमवार शाम को वन विभाग की टीम ने बाघ को बेहोश कर पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद चिमूर तहसील के नागरिकों ने राहत की सांस ली है। बावजूद इसके, जिले में बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष चिंता का विषय बना हुआ है और नागरिक वन विभाग से प्रभावी उपायों की माँग कर रहे हैं।
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