मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में 19 साल बाद निर्दोष साबित हुए 4 आरोपी, अमरावती जेल से रिहा
अमरावती: मुंबई लोकल में साल 2006 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया, उनका दर्द कभी नहीं भर सकता। लेकिन अब इस केस में एक नया मोड़ आया है, जब 19 साल जेल में बिताने के बाद चार आरोपी तनवीर अहमद, मोहम्मद माजिद, सोहेल मोहम्मद शेख और जमीर अहमद को बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्दोष करार दिया और अमरावती सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया।इन चारों ने 30 सितंबर 2015 से अमरावती जेल में कैद की सजा काटी थी। 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर करने के बाद से उनकी कानूनी लड़ाई लगातार जारी थी।
एडवोकेट सिमी शेख, एड. तंबोली, एड. युग चौधरी, एड. वहाब खान और एड. शाहिद नदीम की मेहनत रंग लाई और न्यायालय ने चारों को निर्दोष घोषित कर रिहा कर दिया।रिहाई के तुरंत बाद चारों ने एडवोकेट सिमी शेख से भेंट की और अपने परिवार वालों के साथ रातोंरात मुंबई के लिए रवाना हो गए। उनके परिजन अमरावती जेल के बाहर पहले से इंतजार में थे।
यह पल उनके लिए भावुकता, राहत और न्याय की जीत का प्रतीक था।हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है, लेकिन इन 19 वर्षों में चारों परिवारों ने जिस पीड़ा और सामाजिक कलंक का सामना किया, वह शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।
11 जुलाई 2006 को मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए बम धमाकों में 180 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में दर्जनों गिरफ्तारियां हुई थीं और कई आरोपियों को लंबे समय तक जेल में रखा गया। लेकिन अब हाईकोर्ट के इस फैसले ने जांच की दिशा और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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