logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Bhandara

Bhandara: एमएटी न्यायालय ने पुलिस पाटिल भर्ती की रद्द, अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत


भंडारा: भंडारा उपखंड में पुलिस पाटिल की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं पर न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। 16 मार्च 2023 को हुई इस भर्ती प्रक्रिया में जिन अभ्यर्थियों को परेशानी हुई थी, उन्होंने एमएटी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अब न्यायालय ने इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है और पीड़ित अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की है। 

भंडारा उपखंड के 49 गांवों के लिए 16 मार्च 2023 को पुलिस पाटिल पद पर भर्ती की घोषणा की गई थी। लेकिन अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की थी। जांच के बाद उपविभागीय अधिकारी और तहसीलदार सहित संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और चयनित पुलिस पाटिलों को 4 जुलाई 2023 को कार्यमुक्त कर दिया गया।

इस प्रक्रिया में उच्च अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की अनदेखी कर मौखिक परीक्षा में मनमाने अंक देकर 30 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया गया था। कुछ अभ्यर्थियों ने वित्तीय लेन-देन का संदेह व्यक्त करते हुए नागपुर पीठ में याचिका दायर की थी। मामला एमएटी न्यायालय में स्थानांतरित होने के बाद, गहन सुनवाई हुई। एमएटी न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर भर्ती प्रक्रिया में वित्तीय लेन-देन और पक्षपात की बात स्वीकार की और पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दिया। यह निर्णय पीड़ित अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।