Nagpur Violence: उच्च न्यायालय ने आठ आरोपियों को दी जमानत; कथित आयत लिखी चादर जलाने पर मार्च महीने में हुई थी हिंसा

नागपुर: मार्च महीने में कथित आयत लिखी चादर जलाने के बाद हुए दंगों के आठ आरोपियों को अजमत दे दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत दी। अदालत ने दंगो के आरोप में गिरफ्तार इकबाल अंसारी, एजाज अंसारी, अब्बार अंसारी, इज़हार अंसारी, अशफाकुल्ला अमीनउल्ला, मुज़म्मिल अंसारी, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद यासिर को जमानत दी है। अदालत ने सभी आरोपियों को एक लाख के मुचलके पर जमानत दी है।
मार्च महीने में हुई थी हिंसा
17 मार्च को नागपुर शहर के गांधीगेट स्थित शिवाजी प्रतिमा के सामने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र को जलाया। इस दौरान धार्मिक चादर के जलने की खबर से मुस्लिम समाज में आक्रोश फैल गया। दिनभर शहर में तनाव की स्थिति बनी रही, लेकिन जैसे ही शाम हुआ तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। मोमिनपुरा, तकिया, अंसारनगर, डोबी और आसपास के इलाकों से लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होने लगे। देखते ही देखते भीड़ गांधीगेट की ओर बढ़ी, जिसमें भालदारपुरा के लोग भी शामिल हो गए। इसी दौरान भीड़ ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। देखते ही देखते हजारो की संख्या में आई भीड़ ने शहर के भलदारपुरा, महल सहित हंसपुरी इलाके में हिन्दू समाज के घरो को निशाना बनाना शुरू किया।
दंगइयों ने 100 से घरो और वाहनों में तोड़फोड़ की। यही नहीं कई वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया। दंगाइयों ने अग्रसेन चौक रोड पर खड़े सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कई क्रेनों को जला दिया गया। हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन दंगाई हथियारों से लैस थे। तलवार, चाकू और लाठियों के साथ उपद्रवी सड़कों पर उतर आए। इस दौरान 3 डीसीपी सहित 35 पुलिसकर्मी सहित 135 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं हिंसा के बाद पुलिस ने नागपुर शहर के विभिन्न हिस्सों से करीब 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें दंगे का मुख्या आरोपी फहीम खान भी शामिल रहा। पुलिस ने फहीम सहित करीब आठ लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज किया।

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