नागपुर APMC घोटाले की जांच अब SIT करेगी, भाजपा विधायकों की मांग पर राज्य सरकार का फैसला

नागपुर: नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सामने आई अनियमितताओं और घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल का गठन कर दिया है। यह समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई है, जिसे 30 दिनों के भीतर सभी आरोपों की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले को भाजपा विधायकों ने विधानसभा में उठाया था और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
ज्ञात हो कि, APMC प्रशासन पर आरोप है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से प्रमोशन दिए और बकरा मंडी से मिलने वाले करोड़ों रुपये के राजस्व का गबन किया गया। पिछले दिनों मानसून सत्र में मुद्दा उठाते हुए खोपड़े ने APMC प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस घोटाले की जांच के लिए पहले भी दो समितियाँ—2017 में पीएल खंडागडे समिति और 2023 में एडी पाटिल समिति—गठित की गई थीं। दोनों ही रिपोर्टों में भ्रष्टाचार के संकेत मिले थे। खोपड़े ने आगे कहा कि, बकरा मंडी से सरकार को करीब 40 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना था, लेकिन संचालकों और दलालों ने मिलीभगत कर यह राशि हड़प ली।
इसी मुद्दे पर मध्य नागपुर से भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि APMC प्रशासन ने प्रमोशन प्रक्रिया में पूरी तरह मनमानी की। नियमों की अनदेखी कर पात्र कर्मचारियों को नजरअंदाज करते हुए जूनियर कर्मियों को पदोन्नति दे दी गई।
तीन सदस्यीय SIT का गठन
भाजपा विधायकों की लगातार मांग के बाद राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और शुक्रवार को जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। यह समिति नागपुर के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में काम करेगी, जिसमें नागपुर के पुलिस अधीक्षक और छत्रपति संभाजीनगर स्थित सहकारी संस्था के विभागीय सहनिबंधक शामिल होंगे।
30 दिनों में सरकार को सौंपे रिपोर्ट
सरकार ने समिति को निर्देश दिया है कि वह 2017 और 2023 में गठित पुरानी जांच समितियों की रिपोर्टों की समीक्षा करे, दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करे और APMC प्रशासन के पूरे कार्यकाल की गहन जांच कर 30 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

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