अंडरवेयर की इलास्टिक से बनाया फंदा, गले में डाल कैदी ने की आत्महत्या; नागपुर सेन्ट्रल जेल में घटी घटना से मचा हड़कप

नागपुर: नागपुर सेंट्रल जेल (Nagpur Central Jail) एक बार फिर कैदियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सुर्खियों में आ गई है। हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे एक कैदी ने जेल परिसर के भीतर ही फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
धंतोली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक कैदी की पहचान 54 वर्षीय तुलसीराम शेंडे के रूप में हुई है, जो गोंदिया का निवासी था। उसे भंडारा में दर्ज एक हत्या के मामले में 30 जून 2024 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद से वह नागपुर सेंट्रल जेल में बंद था।
तुलसीराम शेंडे मध्यवर्ती कारागृह स्थित 'छोटी गोल बैरक' के पास स्थित 'रंग काम विभाग' के गोदाम के पास एक खिड़की से लटका हुआ पाया गया। उसने कथित तौर पर अपने अंडरवियर के इलास्टिक का इस्तेमाल कर फांसी का फंदा बनाया था।
इस घटना की सूचना तुरंत धंतोली पुलिस को दी गई। पुलिस ने आकस्मिक मौत के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर किन परिस्थितियों के चलते तुलसीराम ने यह कदम उठाया।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश भर की जेलों में कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर लगातार बहस चल रही है। नागपुर सेंट्रल जेल में इस तरह की घटना का सामने आना निश्चित तौर पर जेल प्रशासन पर गंभीर दबाव डालेगा और उन्हें अपनी सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों की काउंसलिंग प्रणाली पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा।

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