Nagpur: 15 साल बाद जन्मे बच्चे की दो दिन में मौत, मेडिकल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

नागपुर: नागपुर में 15 साल बाद गूंजी किलकारी महज़ दो दिन में मातम में बदल गई। न्यू बाभुलखेड़ा इलाके में रहने वाले बोरकर परिवार की खुशियाँ उस वक्त टूट गईं, जब नवजात शिशु की अचानक मौत हो गई। मासूम की मौत पर परिवार ने नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताया है।
न्यू बाभुलखेड़ा निवासी चेतन बोरकर की पत्नी नंदा बोरकर ने 16 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया था। परिवार का दावा है कि बच्चे का वज़न और स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर था। इसलिए उन्होंने बच्चे को टीका लगवाने का विरोध किया था। बोरकर परिवार का आरोप है कि लेकिन फिर भी टीका लगाया और उसके बाद ही बच्चे की हालत और बिगड़ी। परिवार ने यह भी बताया है कि बच्चे की मौत के बाद उसके शरीर का रंग नीला पड़ गया था।
इन आरोपों पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. राज गजभिये ने प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि बच्चे की मौत स्तनपान के दौरान माँ का दूध ग्रासनली की बजाय श्वसन नली में चले जाने के कारण हुई। उनके अनुसार, यह एक प्राकृतिक दुर्घटना थी और इसका चिकित्सकीय लापरवाही से कोई संबंध नहीं है।

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