logo_banner
Breaking
  • ⁕ कांग्रेस के सांसद श्यामकुमार बर्वे को झटका, कांदरी नगर पंचायत चुनाव में जीता एकनाथ शिंदे की पार्टी का प्रत्याशी ⁕
  • ⁕ Amravati: तलेगांव ठाकुर जंक्शन से कई सूचना फलक अचानक हटे, जमीन पर मिले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र सहित विभिन्न संस्थानों के सूचना फलक ⁕
  • ⁕ Wardha: जिले की देवली नगर परिषद में मतदान जारी, मतदाता सुबह से विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाल रहे वोट ⁕
  • ⁕ Gondia: गोंदिया और तिरोड़ा नगर परिषद् के वार्डो में मतदान जारी, 18 हजार मतदाता करेंगे 18 उम्मीदवारों का फैसला ⁕
  • ⁕ विदर्भ की सात सहित 23 नगर परिषद में आज मतदान, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था, रविवार को होगी परिणामों की घोषणा ⁕
  • ⁕ खापरी ROB–MIHAN इंटरचेंज फ्लाईओवर का काम हुआ शुरू, 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी एमआईडीसी हादसा: मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक, मृतकों को सरकार पांच, तो कंपनी को देगी 30 लाख का मुआवजा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Nagpur

Nagpur: 15 साल बाद जन्मे बच्चे की दो दिन में मौत, मेडिकल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप


नागपुर: नागपुर में 15 साल बाद गूंजी किलकारी महज़ दो दिन में मातम में बदल गई। न्यू बाभुलखेड़ा इलाके में रहने वाले बोरकर परिवार की खुशियाँ उस वक्त टूट गईं, जब नवजात शिशु की अचानक मौत हो गई। मासूम की मौत पर परिवार ने नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताया है।

न्यू बाभुलखेड़ा निवासी चेतन बोरकर की पत्नी नंदा बोरकर ने 16 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया था। परिवार का दावा है कि बच्चे का वज़न और स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर था। इसलिए उन्होंने बच्चे को टीका लगवाने का विरोध किया था। बोरकर परिवार का आरोप है कि लेकिन फिर भी टीका लगाया और उसके बाद ही बच्चे की हालत और बिगड़ी। परिवार ने यह भी बताया है कि बच्चे की मौत के बाद उसके शरीर का रंग नीला पड़ गया था। 

इन आरोपों पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. राज गजभिये ने प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि बच्चे की मौत स्तनपान के दौरान माँ का दूध ग्रासनली की बजाय श्वसन नली में चले जाने के कारण हुई। उनके अनुसार, यह एक प्राकृतिक दुर्घटना थी और इसका चिकित्सकीय लापरवाही से कोई संबंध नहीं है।