नींद की गोलियां खाकर विधायक विकास ठाकरे के कार्यालय पहुंचा व्यक्ति, तबियत हुई ख़राब; कराया गया अस्पताल में भर्ती

नागपुर: उपराजधानी नागपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने पुलिस और मनपा अधिकारी से परेशान को कर बहुत सारी नींद की गोली खाली। इसके बाद व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर विकास ठाकरे के कार्यालय पहुंचा, जहां व्यक्ति की तबियत ख़राब हो गई। जहां विधायक कार्यालय के कर्मचारियों ने इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। व्यक्ति की पहचान रॉबर्ट रोमन फ्रांसिस (50, निवासी सिविल लाइन्स, नागपुर) के रूप में हुई है। नींद की गोली खाने के पहले सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें पुलिस और मनपा अधिकारियों के ऊपर कई संगीन आरोप लगाए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, रॉबर्ट रोमन फ्रांसिस की बिशॉप कॉटन ग्राउंड के कोने में कैफे था। छह मार्च को मनपा ने कैफेको तोड़ दिया था। रोजगार के साधन छिन जाने के बाद वह तनाव में रहने लगे। घटना वाले दिन उन्होंने नींद की गोलियां ली और एक पत्र लिखा। इसके बाद वह विधायक विकास ठाकरे को पत्र देने और उनसे मदद मांगने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में बैठे-बैठे ही उसे उल्टियाँ होने लगीं। इसलिए कार्यालय कर्मचारियों ने उन्हें पास के विवेका अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उनका इलाज किया गया और फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
रॉबर्ट फ्रांसिस रा सदर, नागपुर, बुधवार 02/04/2025 को सुभाष नगर, नागपुर में विधायक विकास ठाकरे के जनसंपर्क कार्यालय का दौरा किया और देखा कि व्यक्ति नशे में आया था। विधायक को जनसंपर्क कार्यालय में बैठे-बैठे दो बार उल्टी हुई। इसलिए मानवता के नाते मैंने स्वयं उन्हें विवेका अस्पताल, सुभाष नगर, नागपुर में भर्ती कराया।
इस बीच, जब कुछ समय बाद रॉबर्ट फ्रांसिस की पत्नी विधायक कार्यालय आईं तो उन्होंने पूरा मामला मेरे ध्यान में लाया। उन्होंने बताया कि रॉबर्ट फ्रांसिस पिछले कई दिनों से निजी कारणों से तनाव में थे, इसलिए उन्होंने सुबह एक पत्र लिखा, नींद की गोलियां लीं, घर से निकल गए और विधायक के कार्यालय में जाकर बैठ गए। इस पत्र में उन्होंने कहा कि वह आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि नागपुर मनपा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है और वह यह पत्र विधायक को दे रहे हैं।
इस संबंध में विधायक विकास ठाकरे के निजी सहायक स्वप्निल काटेकर ने प्रतापनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इसके अलावा रॉबर्ट फ्रांसिस का पत्र भी पुलिस स्टेशन में दे दिया गया है। इस बीच, बुधवार को दिनभर इस घटना की चर्चा होती रही। तर्क दिये जा रहे थे। विधायक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मामले को स्पष्ट करने के बाद घटनाक्रम स्पष्ट हो गया। इसके बाद चर्चा पूरी तरह रुक गई।

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