विदर्भ में बिजली चोरी करते पाए गए करीब ढाई हजार उपभोक्ता, महावितरण के उड़नदस्ते की कार्रवाई

नागपुर: महावितरण के नागपुर क्षेत्रीय प्रभाग के तहत सुरक्षा और निर्माण विभाग की टीम ने अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 की अवधि के दौरान पूरे विदर्भ में कुल 7 हजार 984 ग्राहकों का निरीक्षण किया। इनमें से 2 हजार 421 उपभोक्ता बिजली चोरी करते पाए गए। इन उपभोक्ताओं के खिलाफ 2007 संशोधित भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत कार्रवाई की गई, जिससे 17.39 करोड़ रुपये की चोरी के मामले उजागर हुए। इसके अलावा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 और 1 हजार 466 अन्य मामलों के तहत 14.56 करोड़ रुपये की बिजली खपत में अनियमितता उजागर हुई।
बिजली चोरी के इन सभी मामलों से कुल 31.95 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जिसमें से 26.69 करोड़ रुपये की वसूली संबंधित उपभोक्ताओं से की गई है। साथ ही चोरी की राशि नहीं चुकाने वाले 207 बिजली उपभोक्ताओं के विरुद्ध विभिन्न थानों में चोरी का मामला दर्ज कराया गया है। जबकि महावितरण उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए लगातार प्रतिबद्ध है, महावितरण को बिजली वितरण हानि और बिजली चोरी के कारण भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
कंपनी में सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग वित्तीय घाटे को कम करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। विदर्भ मंडल स्तर पर 12 उड़न दस्ते और मंडल स्तर पर तीन उड़न दस्ते। वहीं, नागपुर में सुरक्षा और प्रवर्तन मंडल और अकोला में बिजली चोरी रोकने के लिए इनके जरिए काम किया जा रहा है।

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