logo_banner
Breaking
  • ⁕ अमरावती के शिवनगांव में फिर भूकंप के झटके, लोगों में डर का माहौल ⁕
  • ⁕ Akola: राजनीतिक पार्टियां नगर पालिका चुनावों के लिए बना रहीं मजबूत मोर्चा ⁕
  • ⁕ Wardha: तेज रफ्तार कार ने सड़क किनारे चल रही छात्राओं को उड़ाया, एक छात्रा की हालत बेहद नाजुक ⁕
  • ⁕ राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का तंज, कहा - पृथ्वीराज चव्हाण दुनिया के सबसे महान भविष्यवक्ता ⁕
  • ⁕ विदर्भ में ठंड का असर बरकरार, नागपुर सहित अन्य जिलों में तापमान में गिरावट, गोंदिया 8.4 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा जिला ⁕
  • ⁕ Nagpur: UCN न्यूज़ की खबर का असर; सिंचाई विभाग की 5 एकड़ ज़मीन पर कब्ज़े का मामला, हरकत में प्रशासन ⁕
  • ⁕ Amravati: दिन दहाड़े प्रॉपर्टी डीलर की हत्या से दहला शहर, खोलापुरी गेट के सब्जी मंडी इलाके की घटना ⁕
  • ⁕ Gondia: अवैध रेत उत्खनन पर अब निर्णायक प्रहार, वैनगंगा नदी का होगा अंतरराज्यीय सीमांकन ⁕
  • ⁕ भाजपा कार्यालय में आज से उम्मीदवारों के साक्षात्कार शुरू, विधानसभा क्षेत्रवार प्रभारी नियुक्त ⁕
  • ⁕ मनपा के बाद ZP–पंचायत समिति चुनाव जल्द जनवरी के अंतिम सप्ताह में मतदान की संभावना ⁕
Akola

Akola: अकोट के जवलखेड में काले हिरण की शिकार करते रंगेहाथ पकड़ा गया आरोपी, मांस पकाते वक्त हुई कार्रवाई


अकोला: वन्य जीवों के शिकार पर सख्त प्रतिबंध होने के बावजूद अकोट तहसील के जवळखेड गांव में एक काले हिरण की शिकार कर उसका मांस पकाते समय एक आरोपी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई अकोला प्रादेशिक वन विभाग की टीम ने की है। हैरानी की बात यह रही कि शिकार अकोट वन परिक्षेत्र में हुआ, लेकिन स्थानीय वन विभाग को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी।

20 जुलाई को अकोला प्रादेशिक वन विभाग को गुप्त और गोपनीय सूचना मिली कि अकोट क्षेत्र में वन्य प्राणी की शिकार की गई है। सूचना की पुष्टि के बाद, भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों ने मौजा जवळखेड और कुटासा गांवों में छापेमारी की।

इस दौरान दिगंबर जनकीराम घारे (रा. कुटासा) को उसके घर में काले हिरण का मांस पकाते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। आरोपी के पास से करीब आधा किलो हिरण का मांस बरामद किया गया है। साथ ही, अंकुश गणेश इंदौरे और गणेश दयाराम इंदौरे  के घरों की भी तलाशी ली गई।

यह कार्रवाई उपवनसंरक्षक सुमंत सोलंके और सहायक वन संरक्षक नम्रता ताले के मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी वी. आर. थोरात के नेतृत्व में की गई। छापेमारी दल में पी. ए. तुरुक, वनरक्षक अतिक हुसेन, सुभाष काटे, सोपान रेळे और तुषार आवारे शामिल थे। वन विभाग अब इस बात की जांच कर रहा है कि यह शिकार कितने लोगों की मिलीभगत से हुआ और क्या इससे जुड़ा कोई बड़ा शिकार रैकेट सक्रिय है।