Amravati: मेलघाट के सिमोरी गांव में फिर अघोरी उपचार का मामला, 22 दिन के बच्चे के पेट में लोहे की छड़ से लगाए चटके!

अमरावती: चिखलदरा तहसील के सुदूर गांव सिमोरी में एक 22 दिन के बच्चे के पेट पर लोहे की गर्म छड़ से घाव करने का मामला सामने आया है। अंधविश्वास के चलते बच्चे का उपचार करने के नाम पर यह अमानवीय कृत्य किया गया। इस घटना के बाद मेलघाट की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
मेलघाट के सुदूर इलाकों में अंधविश्वास के चौंकाने वाले मामले पिछले कुछ समय से सामने आ रहे हैं। स्वयं मंत्रियों के कहने के बाद भी यहां अघोरी विद्या का प्रयोग कर उपचार किया जा रहा है। आदिवासी माताएं अंधविश्वास का शिकार हो जा रही हैं और इसी तरह का चौंकाने वाला अघोरी इलाज चिखलदरा तहसील के सिमोरी गांव में सामने आया है, जिससे मेलघाट समेत पूरे जिले में हड़कंप मच गया है।
चिखलदरा के सुदूर इलाके में धारणी से 90 किमी की दूरी पर सिमोरी गांव स्थित है। इस सुदूरवर्ती गांव में दो दिन पहले एक नवजात शिशु के पेट पर 65 चटके लगाए जाने की गंभीर घटना हुई थी। हतरू क्षेत्र के सिमोरी गांव की इस स्थिति से मेलघाट की स्वास्थ्य व्यवस्था और जनजागरूकता का दावा करने वाले समूहों के कार्य पर चर्चा शुरू हो गई है।
मामला सामने आने के बाद पहले बच्चे को अचलपुर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में अमरावती रेफर किया गया। बच्चे का अमरावती के जिला महिला अस्पताल में इलाज चल रहा है और बच्ची की हालत स्थिर है। इस संबंध में जब स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी गयी तो बताया गया कि इलाज ठीक से चल रहा है।

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