समय से पहले जेल से होगी अरुण गवली की रिहाई, उच्च न्यायालय ने सरकार को चार हफ्ते में निर्णय लेने का दिया आदेश

नागपुर: शिवसेना पार्षद की हत्या मामले में दोहरी उम्रकैद की सजा भुगत रहे अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली (Arun Gawali) को बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खडपीठ (Bombay High Court Nagpur Bench) से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने गवली की याचिका पर सुनवाई करते हुए समय से पहले छोड़ने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार (Maharashtra Government) को चार हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि, गवली ने अपनी उम्र का हवाला सहित 2006 के कानून के तहत हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और जेल से छोड़ने की मांग की थी। गवली की उस याचिका पर नागपुर बेंच में सुनवाई पूरी हो गई। लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अरुण गवली को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया है। हालांकि जेल प्रशासन और गृह विभाग को इस संबंध में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय भी दिया गया है।
क्या है 2006 की पॉलिसी जिसका गवली को मिला फायदा?
आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को चौदह साल की कैद पूरी करने सहित उम्र अगर 65 साल से ज्यादा हो गई हो तो कैदी को जेल से रिहा किया जा सकता है। गवली का जन्म 1955 में हुआ था, इसलिए उसकी वर्तमान आयु 70 वर्ष है। 2006 महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार रिहाई की दोनों शर्तों को पूरा करता है। इसी को देखते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया।

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