संघ मुख्यालय की रेकी करने वाले आतंकी की जमानत अर्जी खारिज, न्यायालय ने कहा - आतंकी को जेल में रखना राष्ट्रीय हित में आवश्यक

नागपुर: महल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय की रेकी कर वह जानकारी पाकिस्तान स्थित उमर को भेजने वाले आतंकी रईस अहमद शेख की जमानत याचिका को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। यह निर्णय न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फलके ने सुनाया।
रईस जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले के पोरा गांव का निवासी है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उस पर कड़ी निगरानी रखने के बाद उसकी गतिविधियाँ उजागर हुईं। उसके मोबाइल और डिजिटल उपकरणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसने संघ मुख्यालय की रेकी कर वहां की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजी थी।
राज्य की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और मुख्य सरकारी वकील देवेंद्र चव्हाण ने अदालत के समक्ष रईस के आतंकी संपर्कों और उसके पूर्ववर्ती आपराधिक इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रईस के खिलाफ पहले से ही जम्मू-कश्मीर में जिंदा हैंड ग्रेनेड रखने के आरोप में मामला दर्ज है।
अदालत ने उपलब्ध सबूतों को गंभीर मानते हुए कहा कि यह मामला केवल जमानत तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि रईस को जेल में रखना राष्ट्रीय हित में आवश्यक है।

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