Bhandara: जलापूर्ति विभाग का जूनियर इंजीनियर ने मांगी 40 हजार की रिश्वत, एसीबी ने किया गिरफ्तार

भंडारा: भंडारा जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरओ प्लांट के काम का बिल पास करने के लिए 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। भ्रष्ट अधिकारी का नाम सुहास करेंजकर है। सुहास करेंजकर भंडारा जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग में जूनियर इंजीनियर हैं। आरोप है कि करेंजकर ने आरओ प्लांट के काम का बिल बनाने के लिए आठ प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। पुलिस ने बताया कि उन्हें 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। यह आरओ प्लांट भंडारा जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग द्वारा स्थापित किया गया था।
उस काम का बिल 9 लाख 80 हजार रुपए था। काम पूरा करने वाले ठेकेदार ने यह बिल प्रशासन को सौंप दिया। आरोप है कि इसके बाद करेंजकर ने ठेकेदार से कुल बिल राशि का आठ प्रतिशत मांगा। प्रारंभ में, करेन्जकर द्वारा मांगी गई राशि बड़ी थी। लेकिन समझौता होने के बाद 40,000 रुपए में सौदा तय हुआ। जूनियर इंजीनियर सुहास करेंजकर की गिरफ्तारी के बाद अब उसकी संपत्ति की जांच की जा रही है। भंडारा जिला परिषद हलकों में अब चर्चा है कि करेंजकर के पास चार से पांच बंगले हैं।
दिलचस्प बात यह है कि कैरेन निवासी हर साल नई कारें भी खरीदते हैं। जिला परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एसीबी टीम को बताया कि उन्होंने एक साल से अधिक समय से किसी भी मॉडल की कार का उपयोग नहीं किया है। इसलिए कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग अब सभी करेंजकरों के बंगलों की तलाशी लेगा।
करंजकर को महंगी कारों का भी शौक है। इसलिए अब उनके द्वारा शुरू से लेकर आज तक खरीदे गए सभी वाहनों का ब्यौरा सामने आएगा। इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या करेंजकर ने बिल भुगतान के लिए जो राशि मांगी थी, वह वह स्वयं अपने पास रख रहा था या किसी और की उसमें हिस्सेदारी थी। बताया जा रहा है कि भंडारा जिला परिषद में हुई इस गड़बड़ी की शिकायत एक नेता के साले ने दर्ज कराई थी और इसके कारण अब राजनीति और प्रशासन में विवादास्पद चर्चाएं होने लगी हैं।

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