एनआईटी में दस्तवेज चोरी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने 11 को किया गिरफ्तार; कई अधिकरियों के शामिल होने का शक

नागपुर: नागपुर सुधर प्रन्यास के दस्तावेजों को चोरी कर उसके आधार पर नकली दस्तवेज बनाकर प्लाट की बिक्री करने वाले रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार में कांट्रेक्टर विभाग और सब-रजिस्टर विभाग में काम करने वाला कर्मचारी भी शामिल है। आरोपी दस्तावेजों को चोरी करते थे और उन्हें पुराना दिखने के लिए तय के पानी में डूबा देते थे। घोटाले में सुधार प्रन्यास के कई अधिकरियों के भी शामिल होने की आशंका है। सम्बंधित दोनों विभागों के कई अधिकरियों को नोटिस जारी किया गया है। मामले की जांच कर रहे डीसीपी मदने ने कहा कि, मामले में अभी और लोगों की गिरफ़्तारी हो सकती है।
गिरफ्तार आरोपियों में प्रवीण मोरेश्वर सहारे (46, प्लाट न 72, साई मंदिर रोड, गोधनी) पवनकुमार जंगेला (34, अभिनव अपार्टमेंट, मनीष नगर) कौशल हिवंज (22, परसोड़ी, वर्धा रोड) अथर्वा कृष्ण भाग्यवंत (22, गोपालनगर दुसरा बस स्टाप, नागपुर), प्रतिभा मेश्राम (46, अभयनकर चौक), कार्तिक उर्फ़ रजत शिवराम लोनारे (30, लालगंज, मेहदीबाग़ रोड), सिद्दार्थ वासुदेव चव्हाण (40, स्नेहदीप कॉलोनी, जरीपटका), मोहम्मद रियाज उर्फ़ बब्लू अब्दुल रउफ (54, क़स्बापुर मस्जिद के पास, हंसपुरी), नासिर हसन खान (45, स्वागत नगर, काटोल रोड), इमरान अली अख्तर अली (43, आयशा मस्जिद, राजचौक) और रुपेश अरुण वारजुरकर (34, महात्मा फुले नगर, रामश्वरी रिंगरोड) का समावेश है।
ज्ञात हो कि, बीते साल नवंबर महीने में सदर पुलिस थाने में फरियादी निशा राजकुमार जाजू ने धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज करवाया था . जिसमें नारी परिसर में उनके 3000 स्क्वायर फीट के दो प्लॉट को जाली दस्तावेज के आधार पर आरोपियो ने बेच दिया था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने इस पूरे रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ मामला किया था। बीते एक महीने से पुलिस मामले की जाँच कर रही थी। जहां अभी तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पांच अभी भी फरार है, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
दस्तवेज को पुराना दिखाने चाय के पानी का इस्तेमाल
पुलिस की जांच में अब तक पता चला है कि पिछले कई सालों से इस रैकेट के जरिए नए कागज को चाय के पानी में भिगोकर पुराने दस्तावेज के रूप मे दिखाया जाता था और उसके आधार पर ही जाली दस्तावेज तैयार कर इस पूरे रैकेट को चलाया जा रहा था. संगठित गिरोह होने के चलते ही अब पुलिस से इस टोली पर मकोका के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
घोटाले में एनआईटी के कई अधिकारी भी शामिल
इस मामले में गिरफ्तार रजत लोनारे और रुपेश बजुरकर एनआईटी के कांट्रेक्टर विभाग और सब-रजिस्टर विभाग में काम करते हैं। दोनों आरोपी लगातार भूमि से जुड़े हुई फाइलों को चोरी करते और अन्य आरोपियों को दे देते थे। जहां बनावटी दस्तावेज बनाकर भूमि को अन्य लोगों को बेंच देते थे। पुलिस के अनुसार, इस घोटाले में एनआईटी के दोनों विभागों के कई अधिकारी भी शामिल है। मामला सामने आने के बाद शक के दायरे में आने वाले अधिकरियों को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस के अनुसार, अभी इस मामले में और गिरफ्तरियां हो सकती है।

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