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सोशल मीडिया की अफवाह ने नागपुर में कराई हिंसा, पुलिस ने 50 को हिरासत में लिया; जानें पुरी इनसाइड स्टोरी


नागपुर: महाराष्ट्र में शुरू औरंगजेब को लेकर शुरू विवाद अब हिंसा तक पहुंच गया है। जिसमें उपराजधानी नागपुर सोमवार को जल उठा। विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल के लिए आंदोलन के खिलाफ दूसरे पक्ष ने विरोध करते हुए पत्थरबाजी और आगजनी दी। उपद्रवियों ने 40 से ज्यादा वाहनों को जला दिया। घटना के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और हिंसा पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। पुलिस ने हिंसा में शामिल 40 लोगों को हिरासत में लिया। सोशल मीडिया पर फैली एक अफवाह के कारण इतनी बड़ी हिंसा हुई। फिलहाल पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है।

हिंसा आख़िर कैसे शुरु हुई?


छत्रपति संभाजी नगर स्थित औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल ने सोमवार को नागपुर शहर के महल परिसर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने आंदोलन किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने औरंगजेब की मूर्ति का दहन भी किया। इसी दौरान सोशल मीडिया पर दहन का वीडियो वायरल हो गया।

वायरल वीडियो में दावा किया गया कि, बजरंग दल द्वारा कुरान की प्रति जलाई गई है। देखते ही यह खबर आग की तरह फ़ैल गई। दिन में जहां हिंदू संगठनों ने आंदोलन किया, वहीं शाम होते ही बड़ी संख्या में मुस्लिम पक्ष भी वहां जमा होने लगा। शाम साढ़े सात बजे हजारों की संख्या में भिड़ महल, चिटनिस पार्क, भादलपुरा, कोतवाली, हंसापुरी परिसर में भिड़ जमा हुई। जहां भीड़ ने नारे बाजी की। इसी दौरान भीड़ में शामिल लोगों ने उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिससे हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने सड़क पर खड़ी 50 से ज्यादा वाहनों को आग लगा दी।

घरों में की तोड़फोड़, वाहनों में लगाई आग


कथित विरोध के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन देखते ही देखते हिंसक हो गया। उपद्रवियों ने पहले तो सड़क सहित घरों के बाहर रखे 40 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ की वहीं कईयों में आग लग की। जिसमें दो जेसीबी और कार शामिल है। इसी के साथ घरों में पत्थरबाजी भी की गई। ईट-पत्थर से पथराव किया गया। यही नहीं घरों के अंदरों से भी पत्थरबाजी की गई। इस दौरान उपद्रवियों ने नारबाजी भी की। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

डीएसपी सहित बड़ी संख्या में लोग घायल


दंगे की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और मोर्चा संभाला। पुलिस कर्मियों ने उपद्रवियों को शांत करने और उन्हें तितरबीतर करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर भी हमला कर दिया। ईट पत्थर सहित धारदार हथियार से हमला किया गया। जिसमें कई पुलिसकर्मी सहित आमजन मानस भी घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार, डीसीपी कदम पर हमला हुआ, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

छोड़े आंसू गैस के गोले, 40 से ज्यादा गिरफ्तार


उपद्रवियों को तितर बितर करने और स्थित पर काबू पाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने भिड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। यही नहीं स्थिति पर काबू पाने तीन से चार हजार पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया। यहीं नहीं पूरे महल परिसर में धारा 163 लागू कर दी गई। अफवाह ज्यादा न फैले और हिंसा न हो इसको देखते हुए संवेदनशील जगह पर इंटरनेट तक बैन कर दिया। जिसके बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका। हिंसा पर रुकने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की। करीब 40 से ज्यादा लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया। यही नहीं नागपुर पुलिस आयुक्त डॉक्टर रविन्द्र सिंघल ने किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देने और शांति बनाए रखने का आवाहन जनता से किया।

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई: फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। फडणवीस ने हिंसा को लेकर आम जनता से संयम बरतने और किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देने का आवाहन किया। फडणवीस ने कहा कि, स्थिति पर उनकी नजर बनी हुई है। पुलिस ने उपद्रवियों पर काबू पा लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार हैं अनवर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केंद्र मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोशल मीडिया पर फैलने वाली किसी भी बात पर विश्वास नहीं करने और शांति बनाए रखने की बात कही।