शालार्थ आईडी घोटाला: प्रभारी संचालक वांजरी गिरफ्तार, तो पारधी को मिली जमानत

नागपुर: राज्य शिक्षा बोर्ड के संभागीय अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा उपनिदेशक चिन्मामन वंजारी को शालार्थ आईडी घोटाले और अयोग्य शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। वंजारी इस मामले की जांच समिति के अध्यक्ष थे। इस घोटाले में आरोप है कि फर्जी स्कूल आईडी बनाकर अयोग्य शिक्षकों को वेतन स्वीकृत किया गया। जांच से पता चला है कि घोटाला तब शुरू हुआ जब वंजारी प्राथमिक शिक्षा अधिकारी थे।
पूर्व शिक्षा उपनिदेशक अनिल पारधी को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था और तुरंत जमानत दे दी गई थी। उन्हें वंजारी का नाम आने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से पांच से छह को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
वंजारी नागपुर संभागीय शिक्षा उपनिदेशक के पद पर कार्यरत थे। इस घोटाले की जांच के लिए 2024 में वंजारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त की गई। समिति ने 12 फरवरी, 2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। आरोप लगाया गया कि 580 फर्जी "स्कूल आईडी" बनाए गए और अयोग्य शिक्षकों के लिए वेतन स्वीकृत किया गया।
इस मामले में 15 अप्रैल 2025 को उक्त पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था: विभागीय शिक्षा उपसंचालक उल्हास नारद, फर्जी शिक्षक पराग पुडके, मास्टरमाइंड नीलेश शंकरराव मेश्राम, संजय शंकरराव दुधालकर (उम्र 53) और सूरज पुंजाराम नाइक (उम्र 40)। वे सभी अब जमानत पर बाहर हैं। बुधवार, 21 मई को मुख्य आरोपी लक्ष्मण मंगम और पूर्व शिक्षा उपनिदेशक अनिल पारधी को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे अपने घर से निकलने की तैयारी कर रहे थे। हालाँकि, पारधी को कुछ ही घंटों में जमानत दे दी गई।
शिक्षा विभाग के वेतन एवं भविष्य निधि अधीक्षक नीलेश वाघमारे, सागर भगोले और शिवदास धवले के साथ ही भंडारा जिले के अर्जुनी मोरगांव में एक संस्था के संचालक आरोपी राजू केवलराम मेश्राम (उम्र 59) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में आरोपियों की संख्या अब 13 तक पहुंच गई है। बताया गया कि नागपुर जिले के विभिन्न स्कूलों में 2019 से फर्जी प्राथमिक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में नागपुर जिले में लगभग 580 ऐसे फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकालकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है। शालार्थ पोर्टल पर पाई गई त्रुटियों के आधार पर की गई जांच में यह बात सामने आई।

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