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पूर्व बॉम्बे हाईकोर्ट जज जस्टिस विजय डागा को बना लिया साइबर ठगी का निशाना, 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर मांगे गए 2 करोड़ रुपये


नागपुर: देश के वरिष्ठ वकील और बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विजय डागा को साइबर ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' के जाल में फँसाने की कोशिश की है। बुधवार सुबह  जस्टिस डागा को एक वीडियो कॉल आया, जिसमें कॉलर पुलिस यूनिफॉर्म में दिखाई दे रहा था और खुद को बोरिवली पुलिस स्टेशन का अधिकारी बता रहा था। ठग ने दावा किया कि जस्टिस डागा के आधार कार्ड से एक सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए हुआ है। 

इतना ही नहीं, ठगों ने उन्हें एक फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फँसाने की कोशिश की। दावा किया गया कि कारोबारी नरेश गोयल के नाम से जुड़े मामले में ₹2 करोड़ रुपये एक ऐसे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं, जो जस्टिस डागा के नाम पर खोला गया है। जैसे ही जस्टिस डागा ने पैसे लौटाने से इनकार किया, कॉल एक महिला को ट्रांसफर कर दिया गया, जो खुद को एक सीनियर अधिकारी बता रही थी। उसने धमकी दी कि अगर 2 करोड़ रुपये दोपहर 2:30 बजे तक नहीं दिए गए, तो उन्हें बिना जमानत के 3 महीने की जेल होगी। 

हालांकि, जस्टिस डागा ने पूरी सूझबूझ दिखाई और न सिर्फ साइबर सेल बल्कि हाईकोर्ट प्रोटोकॉल अधिकारी को तुरंत सूचना दी। नागपुर पुलिस की जांच में यह पूरी कॉल एक ठगी का मामला निकली है। 90 मिनट तक चली इस कॉल की लोकेशन राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर ट्रेस हुई है। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि साइबर ठग किस हद तक जा सकते हैं यहां तक की ये शातिर ठगबाज अब भारत के वरिष्ठ न्यायाधीशों तक को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं।