logo_banner
Breaking
  • ⁕ Amravati: अमरावती जेल में फिर कैदियों के पास मिले दो मोबाइल फोन, खुलासे के बाद पुलिस आयुक्त, जेल अधीक्षक की बैठक ⁕
  • ⁕ ‘झुंड’ फिल्म में काम कर चुके प्रियांशु उर्फ बाबू छतरी की चाकू मारकर निर्मम हत्या, आरोपी ध्रुव साहू गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Bhandara: तुमसर में शेतकरी भवन के लिए 5 करोड़ मंजूर, किसानों को अब मंडी समिति क्षेत्र में मिलेगी आवास की सुविधा ⁕
  • ⁕ शिवसेना पार्टी के मुद्दे पर फिर टली सुनवाई, वडेट्टीवार ने कहा - देश संविधान और कानून से चल रहा है यह दिखाने का यह सुनेहरा अवसर ⁕
  • ⁕ Yavatmal: करंजी अडणी सुरारदेवी क्षेत्र के एक खेत में देखा गया बाघ, किसानों में दहशत ⁕
  • ⁕ शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई, अब 12 नवंबर को अगली सुनवाई ⁕
  • ⁕ राज्य सरकार ने किसानों के लिए खोली तिजोरी, 31,628 करोड़ का पैकेज किया घोषित; दीपावली के पहले राहत देने का प्रयास ⁕
  • ⁕ OBC-Maratha Reservation: सरकार के जीआर पर नहीं लगेगी रोक, सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका की खारिज ⁕
  • ⁕ Futala Fountain का रास्ता साफ़, सुप्रीम कोर्ट ने फुटाला तालाब को वेटलँड मानाने से किया इनकार; एनआईटी जल्द शुरू करेगा काम ⁕
  • ⁕ Bhandara: वेश्यावृत्ति के अड्डे का भंडाफोड़, मुख्य आरोपी समेत तीन गिरफ्तार ⁕
Nagpur

डब्ल्यूसीएल डिस्पेंसरी में फर्जीवाड़ा आया सामने, मेडिकल अधीक्षक और स्टोर्स संचालक पर सीबीआई ने मामला किया दर्ज


नागपुर: सीबीआई की नागपुर इकाई ने डब्ल्यूसीएल (वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की सिविल लाइंस स्थित डिस्पेंसरी में हुए फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई प्रिस्क्रिप्शन (चिकित्सीय पर्ची) में हेराफेरी कर बढ़े हुए बिल भुगतान का दावा करने के आरोप में की गई है। आरोपियों में डब्ल्यूसीएल डिस्पेंसरी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पृथ्वी कृष्ण पट्टा और मे. सदगुरु मेडिकल स्टोर्स के संचालक कमलेश लालवानी शामिल हैं।

सीबीआई को 17 सितंबर को शिकायत प्राप्त हुई थी कि डॉ. पट्टा द्वारा तैयार किए गए जाली मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर सदगुरु मेडिकल स्टोर्स ने बढ़ा-चढ़ाकर बिल प्रस्तुत किए और डब्ल्यूसीएल से भुगतान का दावा किया।

शिकायत के बाद सीबीआई ने डब्ल्यूसीएल के सतर्कता विभाग के साथ मिलकर चिकित्सा विभाग और सिविल लाइंस स्थित डिस्पेंसरी में छानबीन की। जांच में पाया गया कि मूल प्रिस्क्रिप्शन में महंगी दवाएं बाद में जोड़ी गई थीं, जबकि डिस्पेंसरी में रखी कार्बन प्रतियों में ये दवाएं नहीं थीं। कई मरीजों ने भी यह स्वीकार किया कि उन्होंने वे दवाएं कभी नहीं लीं।

जांच में यह खुलासा हुआ कि डॉ. पट्टा ने कमलेश लालवानी की मदद से मूल पर्चियों में हेराफेरी कर बढ़ी हुई राशि के बिल पेश किए, जिससे सदगुरु मेडिकल स्टोर्स को लगभग ₹1.55 लाख का अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

इस आधार पर सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण  की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच अधीक्षक ऋषिकेश सोनावणे के मार्गदर्शन में की जा रही है। सीबीआई यह पता लगाने में जुटी है कि इस गड़बड़ी में अन्य कर्मचारी या अधिकारी शामिल थे या नहीं।