सात महीने में हत्याओं का अर्धशतक, अपराधियों में कानून का खौफ हुआ समाप्त

नागपुर: एक समय सबसे सुरक्षित के नाम से जाने वाला शहर अब लगातार होते अपराध की घटनाओं के लिए चर्चा में बना हुआ है। रोजाना होने वाली हत्याओं के कारण नागपुर हत्या नगरी मशहूर हो गई है। बीते सात सात महीने में जिले के अंदर 44 हत्याएं हो चुकी है, वहीं अगस्त महीने की छह हत्या मिला ले तो हत्याओं का अर्धशतक पूरा हो गया है। इस अकड़े के सामने आने के बाद से यह चर्चा शुरू हो गई है कि, अपराधियों में पुलिस और कानून का डर समाप्त हो गया है।
हर महीने औसतन छह-सात हत्याएं
राज्य की उपराजधानी नागपुर देश में अपने कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए जानी जाती थी। देश के सबसे सुरक्षित शहरों में नागपुर की गिनती होती थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बिताते गया, सुरक्षित शहरों की सूची में नागपुर का स्थान डगमगाने लगा है। जैसे-जैसे साल बीत रहे हैं शहर में होने वाले अपराधों की संख्या दिन बाद दिन बढ़ती जा रही है। वहीं हत्याओं की बात करें तो हर महीने सात छह हत्याएं हो रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी 2023 से जुलाई 2023 के बीच जिले के अंदर 44 लोगों की हत्या हुई है। वहीं अगस्त महीने के 16 दिन में छह और हत्या हुई हैं। जिसके बाद शहर में हत्याओं का अर्धशतक पूरा हो गया है। इन हत्याओं में अधिकारी मामले पारिवारिक और आपसी दुश्मनी में की गई है। वहीं कई हत्या केवल मामूली बात पर भी हुई है।

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