logo_banner
Breaking
  • ⁕ हाईकोर्ट ने माणिकराव कोकाटे को मिली जमानत, एक लाख के मुचलके पर अदालत ने कोकाटे को दिया जमानत, सजा रखी बरकरार ⁕
  • ⁕ डॉक्टर को Sextortion में फांसकर मांगी 2.60 करोड़ की फिरौती, पत्रकार सहित सात लोग गिरफ्तार; तीन महिला भी शामिल; 13 नामजद ⁕
  • ⁕ नगर पालिका चुनाव से पहले ठाकरे गुट को बड़ा झटका, अमरावती नगर सेवक रहे प्रशांत वानखड़े युवा स्वाभिमान संगठन में शामिल ⁕
  • ⁕ विदर्भ में पढ़ रही कड़ाके की ठंड; 8 डिग्री के साथ गोंदिया सबसे ठंडा, नागपुर में भी पारा लुढ़कर 8.5 डिग्री हुआ दर्ज ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी में हुए हादसे में तीन मजदूरों की मौत, 11 मजदूरों के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी, प्राइवेट अस्पताल में चल रहा इलाज ⁕
  • ⁕ विदर्भ में मनसे के लिए अच्छा माहौल, उबाठा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत ⁕
  • ⁕ Bhandara: ट्रक रोककर चालक को बेरहमी से पीटा, नकदी लूटकर हुए फरार, पुलिस ने 12 घंटे के अंदर सभी आरोपियों को किया गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Nagpur

जीतेन्द्र अव्हाड ने न्यायपालिका और बाबासाहेब आंबेडकर ने उठाया सवाल, कहा- यहाँ भी करना था आरक्षण का प्रावधान


नागपुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट (NCP Sharad Pawar Group) नेता और विधायक जीतेन्द्र अव्हाड (Jitendra Awhad) ने डॉ. बाबासाहेब अंबडेकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) और न्यापालिका (Court) पर सवाल उठाया है। अव्हाड ने कहा कि, "डॉ. आंबेडकर को संविधान के आरक्षण को जो प्रावधान किया है। उसे न्यायपालिका में भी रखना चाहिए था।' इसी के साथ एनसीपी नेता ने अदालत को जातिवादी भी बताया।

नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अव्हाड ने कहा, "मुझे आज भी इस बात का दुख है कि बाबा साहब अंबेडकर को न्यायपालिका में भी आरक्षण रखना चाहिए था, मैं नहीं कहूंगा क्योंकि तब विवाद खड़ा हो जाएगा, कुछ फैसले ऐसे आते हैं, उनमें जातिवाद की बू आती है, ऐसी उम्मीद नहीं थी न्यायपालिका. ये निष्पक्ष हो, ये जाति व्यवस्था से बाहर हो, ऐसी संविधान की अपेक्षा है, क्या ऐसा होता है?"

उन्होंने आगे कहा, "न्याय व्यवस्था में आरक्षण न देकर यहां के 80 प्रतिशत समाज के साथ अन्याय किया गया। अब बार काउंसिल में कहीं न कहीं बहुजन लोग दिखने लगे हैं। उनकी पीढ़ियों ने सीखा ही नहीं तो वे बार में कैसे जाएंगे? वे बार (शराब) में जाते थे। उस बार को छोड़कर इस बार में आने में 70 साल लग गए।"