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Amravati

मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नाम से फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर कर भेजा पत्र, वरिष्ठ क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई की मांग; पुलिस में मामला दर्ज


अमरावती: जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति ने महाराष्ट्र राज्य के राजस्व मंत्री और अमरावती जिले के पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नाम से फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए जिला कलेक्टर को एक पत्र भेजकर एक वरिष्ठ क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इस मामले में पुलिस आयुक्त कार्यालय में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। गाडगेनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

किसी अज्ञात व्यक्ति ने राजस्व मंत्री और पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नाम से अमरावती के जिला कलेक्टर को एक पत्र भेजा। यह पत्र मोर्शी के एक वरिष्ठ क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में है। यह पत्र जाली हस्ताक्षर के साथ लेटरहेड पर दिया गया था। यह फर्जी पत्र डाक द्वारा भेजा गया था।हालांकि, जिला कलेक्टर सौरभ कटियार ने पत्र की जांच की और इसकी विषय-वस्तु पर संदेह हुआ। उन्हें पता चला कि लेटरहेड के साथ-साथ संरक्षक मंत्री और राजस्व मंत्री के हस्ताक्षर भी जाली थे। इसके बाद यह घटना प्रकाश में आई।

मामला सामने आने एक बाद मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के विशेष कार्यकारी अधिकारी योगेश कोठेकर ने तुरंत पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी से संपर्क किया, विस्तृत चर्चा की और स्पष्ट किया कि लेटरहेड और हस्ताक्षर जाली थे। पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी ने अज्ञात व्यक्ति की तलाश कर तुरंत मामला दर्ज करने के आदेश दिए। यह फर्जी पत्र 19 मार्च को जिला कलेक्टर कार्यालय को प्राप्त हुआ। वरुड नगर परिषद के एक क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। इस क्लर्क को उसके वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से जिला कलेक्टर कार्यालय के नगर पालिका विभाग में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया था।

लेकिन, शिकायत है कि यह क्लर्क वहां भी गायब है। कई लोगों ने शिकायत की है कि यह क्लर्क नागरिकों के फोन कॉल का जवाब नहीं देता है तथा धमकाने वाली भाषा का प्रयोग करता है। पत्र में कहा गया है कि जिला कलेक्टर को इस क्लर्क की नियुक्ति रद्द कर उसे निष्कासित करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि निगम के आधे कर्मचारी गायब हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि निगम विभाग फर्जी कर्मचारियों का अड्डा बन गया है। यह पत्र डाक द्वारा भेजा गया था। यह पत्र फर्जी निकला। गाडगेनगर पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है।