दोहरे हत्यकांड से नागपुर में नए साल की शुरुआत, कलयुगी बेटे की करतूत जान कांप जाएगी रूह

नागपुर: कपिल नगर पुलिस थाना अंतर्गत नव वर्ष के पहले ही दिन दोहरी हत्या के मामले के सामने आने के बाद खलबली मच गई। कलयुगी बेटे ने ही अपने ही मां-बाप की हत्या की थी और बाद में पुलिस और रिश्तेदारों को भी को भी गुमराह करने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गया और उसने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इन दोनों के शवो को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भेजा है और आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर आगे की जांच कर रही है।
रिश्तो को झकझोर देने वाली यह शर्मनाक घटना नागपुर के कपिल नगर पुलिस थाना अंतर्गत खसाला परिसर में नव वर्ष कि पहले ही दिन सामने आई है। मृतकों की पहचान लीलाधर डाखोडे और अरुणा डाखोडे के रूप में हुई है। जबकि आरोपी उन्हीं का बेटा उत्कर्ष डाखोडे है। लीलाधर कोराडी थर्मल प्लांट में टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं जबकि अरुणा विनोबा भावे नगर स्थित एक निजी स्कूल में प्राइमरी टीचर थी। आरोपी उत्कर्ष 6 साल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। बार-बार फेल होने के कारण उत्कर्ष के मां-बाप उसे पढ़ाई छोड़कर खेती-वाड़ी करने की सलाह दे रहे थे। परंतु उत्कर्ष इंजीनियरिंग पूरी करने की अपनी जिद पर अड़ा हुआ था।
एमडी की थी लत
सूत्रों की माने तो उसे एमडी की लत लग गई थी और इस लत के चलते ही वह पढ़ाई नहीं कर पा रहा था। मां-बाप द्वारा लगातार समझाने के चलते ही वह चिढ़ गया था और आवेश में आकर ही उसने अपने मां-बाप की हत्या करने की यह खतरनाक योजना बना ली थी।
पहले माँ को उतारा मौत के घाट
तय योजना के अनुसार उसने अपनी छोटी बहन सेजल को 26 दिसंबर की सुबह स्कूल में छोड़ा था। सेजल बीएएमएस की पढ़ाई कर रही थी और वर्धा रोड स्थित एक कॉलेज में जाती है। उसे कॉलेज छोड़ने के बाद उत्कर्ष खसाला अपने घर पहुंचा जहां करीब 1 बजे के दौरान उसने सबसे पहले घर में अपनी मां अरुणा का गला दबाकर हत्या कर दी।
फिर पिता की हत्या का इंतजार
उसके बाद आरोपी घर में ही अपने पिता के आने का इंतजार करने लगा। करीब 5 बजे जब पिता अपनी ड्यूटी से घर पहुंचा तब उसने ताबड़तोड़ पिता पर तेज धार हथियार से वार कर हत्या कर दी। इस हत्या की वारदात के बाद आरोपी घर को ताला लगाकर पिता की कार तथा उनका मोबाइल फोन साथ में लेकर अपने कोराडी में रहने वाले चाचा के पास पहुंचा। जहां से उसने अपनी बहन को फोन कर माता-पिता के कुछ दिनों के लिए मेडिटेशन के लिए बेंगलुरु जाने की बात बताई। जहां मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं होने की भी जानकारी दी। इसके बाद वह बहन को लेने वर्धा रोड पहुंचा और उसे भी अपने साथ कोराडी चाचा के घर पर लेकर गया।
प्लानिंग के तहत छुपाई अपनी करतूत
हालांकि दिखावा करने के लिए उत्कर्ष मंगलवार रात अपने घर पर आया और जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने का दिखावा किया। तब वह दोबारा कोराडी चाचा के पास सोने चला गया। बुधवार सुबह आसपास के पड़ोसियों को जब तेज दुर्गंध आना शुरू हुआ तब उन्होंने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने जब दरवाजा तोड़कर अंदर जांच की तब पूरे घर में कमरे में खून पसरा हुआ दिखाई दिया और अरुणा और लीलाधर के शव सतविक्षित हालत में मिले।
पुलिस हो हुआ था शक
प्राथमिक जांच में ही पुलिस को हत्या होने का संदेश हो गया था लिहाजा पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने मां-बाप की हत्या करने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने उत्कर्ष को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। हालांकि उसका राज खुल न सके इस के लिए वह पिता की कार से बहन को कॉलेज ले जाने और छोड़ने लगा था।
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