Nagpur Eductaion Scam: पुलिस ने तीन और आरोपियों को किया गिरफ्तार, सभी संभागीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के कर्मचारी

नागपुर: जिले में फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में नागपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना अनुभव के स्कूल आईडी बनाकर प्रिंसिपल के रूप में स्वीकृति देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में शामिल तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी संभागीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के कर्मचारी हैं।
गिरफ्तार लोगों में कार्यालय के द्वितीय श्रेणी अधीक्षक नीलेश मेश्राम, उपनिरीक्षक संजय दुधालकर और वरिष्ठ लिपिक सूरज नाइक शामिल हैं। इस मामले में अब कुल आरोपियों की संख्या 5 तक पहुंच गई है। भंडारा जिले के कुछ अधिकारी और कर्मचारी जो जल्द ही प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त होने वाले हैं, उनके भी इसमें शामिल होने के संबंध में कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है।
नागपुर संभाग के शिक्षा उपनिदेशक उल्हास नारद को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रिंसिपल का पद स्वीकृत करने के आरोप में गढ़चिरौली से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में भंडारा जिले के लाखनी तालुका के प्रिंसिपल पराग पुडके को भी हिरासत में लिया गया है।
आरोपी प्रिंसिपल पराग पुडके को बिना किसी शिक्षण अनुभव या कहीं भी शिक्षक के रूप में काम किए सीधे प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया था। फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में वेतन एवं भविष्य निधि अधीक्षक नीलेश वाघमारे को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। कोई शिक्षा न होने के बावजूद उन्हें पुडके के प्रिंसिपल के रूप में स्कूल आईडी दी गई। नारद और पुडके को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उपायुक्त राहुल मदने ने बताया कि इस मामले में और कौन-कौन आरोपी है, इसका पता लगाने के लिए जांच चल रही है।
चर्चा है कि 2019 से अब तक नागपुर जिले में 570 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए फर्जी शालार्थ आईडी बनाई गई है। इसलिए, इस ओर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है कि क्या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई अन्य नियुक्तियों की भी जांच की जाएगी।

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