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Nagpur

नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंगल की बड़ी करवाई, गैर-क़ानूनी गतिविधयों में लिप्त चार कॉन्स्टेबल को किया बर्खास्त


नागपुर: नागपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. रवींद्र सिंगल ने शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस बल में अनुशासन स्थापित करने के उद्देश्य से एक बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को तीन अलग-अलग मामलों में चार पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि एक को निलंबित किया गया है। इन सभी पर गंभीर कदाचार और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप हैं।

पहला मामला कलमना पुलिस थाने के तत्कालीन सिपाही संदीप यादव और पंकज यादव से जुड़ा है। इन दोनों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी। आरोप है कि 13 अप्रैल को इन्होंने एक 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को फर्जी पॉक्सो प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर उससे 1.80 लाख रुपये की सोने की चेन छीन ली थी। मोबाइल लोकेशन और सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों के आधार पर इनकी पहचान हुई थी। जांच में दोषी पाए जाने के बाद पुलिस कमिश्नर डॉ. सिंगल ने इन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

दूसरा मामला भी कलमना थाने के ही सिपाही मनोज घाडगे और भूषण साकडे का है। इनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे पुलिस चौकी के भीतर जुआ खेलते और धूम्रपान करते हुए दिखाई दे रहे थे। यह वीडियो पुलिस बल की छवि के लिए गंभीर रूप से हानिकारक था। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद इन दोनों को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

तीसरी घटना में, मुख्यालय में तैनात सिपाही मोहसिन खान को निलंबित किया गया है। उस पर लकड़गंज में दर्ज युवती के अपहरण के प्रयास और उसकी मां के साथ छेड़खानी के प्रकरण में लिप्त होने का आरोप है। मोहसिन खान को इस मामले में उसके तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

इन कार्रवाइयों से नागपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. रवींद्र सिंगल ने पुलिस बल के भीतर किसी भी प्रकार के कदाचार और आपराधिक गतिविधि के प्रति अपनी शून्य-सहिष्णुता की नीति का स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन और ईमानदारी सर्वोपरि है, और किसी भी दोषी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। इन कार्रवाइयों से पुलिस बल की विश्वसनीयता को मजबूत करने और जनता में विश्वास पैदा करने में मदद मिलेगी।