logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Nagpur

बोगस शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पुलिस की जांच तेज़, पांच आरोपी अभी तक गिरफ्तार, नए खुलासों की उम्मीद


नागपुर: नागपुर में फर्जी शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर पुलिस की जांच लगातार जारी है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई नया एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस के मुताबिक, कुछ शिकायतकर्ता अब सामने आ रहे हैं।

शहर के सदर पुलिस थाने में फर्जी मुख्याध्यापक की नियुक्ति को लेकर जो मामला दर्ज है, उसमें अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इन आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि आगे कुछ और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। जैसे-जैसे इस घोटाले की जानकारी लोगों तक पहुँच रही है, वैसे-वैसे पुलिस को लिखित और मौखिक शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं। हालांकि, इन शिकायतों के पीछे ठोस सबूत जुटाने का काम किया जा रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि इस घोटाले से जुड़े मामले अन्य जिलों से भी नागपुर पहुँच रहे हैं। पुलिस उन शिकायतों की भी बारीकी से जांच कर रही है, लेकिन अब तक किसी नए केस में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। बोगस शिक्षक नियुक्तियों में जिन 'शालार्थ आईडी' का इस्तेमाल हुआ था, उनके बारे में जनवरी महीने में नागपुर पुलिस के साइबर सेल में शिकायत की गई थी। इस मामले में भी एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और साइबर विशेषज्ञ उसके तकनीकी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।

अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पराग पुडके से जुड़ा मामला और साइबर सेल में दर्ज शालार्थ आईडी वाला केस – क्या इन दोनों में कोई कड़ी है। इसके अलावा, नियुक्तियों में जिन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग हुआ, उन पर जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, वे असली हैं या नकली – इसकी भी गहन जांच की जाएगी। ज़रूरत पड़ने पर उन अधिकारियों से पूछताछ भी की जाएगी। हालांकि इस मामले की जांच के लिए अलग से SIT बनाई जायेगी क्या जब संदर्भ में डीसीपी राहुल मदने से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसका फैसला पुलिस आयुक्त लेंगे।