logo_banner
Breaking
  • ⁕ SC ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को लगाई फटकार, स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरा कराने के निर्देश ⁕
  • ⁕ नागपुर में जल्द शुरू होगी ई-बाइक टैक्सी सेवा, सिर्फ 15 रूपये में 1.5 किमी का सफर, सस्ता और आसान ⁕
  • ⁕ Amravati: शिंदे की शिवसेना में अंदरूनी कलह? बैनर से प्रीति बंड की तस्वीर गायब, राजनीतिक गलियारों में बना चर्चा का विषय ⁕
  • ⁕ Bhandara: एक ही दिन में दो कामों पर एक मज़दूर! हिवरा में पांदन सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी-घोटाला ⁕
  • ⁕ Akola: अकोला शहर में भारी बारिश से सड़कें और नालियां जलमग्न, फसलों को नुकसान होने की संभावना ⁕
  • ⁕ Akola: सरकारी अस्पताल परिसर में एक व्यक्ति की पत्थर कुचलकर हत्या, हत्यारा भी हुआ घायल ⁕
  • ⁕ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाएगा महाराष्ट्र का AI मॉडल MARVEL, नीति आयोग ने द्वारा आठ उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं में चयन ⁕
  • ⁕ “राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कैंसर अस्पताल का निर्माण जल्द करें पूरा”, मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को दिए निर्देश ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Nagpur

बोगस शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पुलिस की जांच तेज़, पांच आरोपी अभी तक गिरफ्तार, नए खुलासों की उम्मीद


नागपुर: नागपुर में फर्जी शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर पुलिस की जांच लगातार जारी है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई नया एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस के मुताबिक, कुछ शिकायतकर्ता अब सामने आ रहे हैं।

शहर के सदर पुलिस थाने में फर्जी मुख्याध्यापक की नियुक्ति को लेकर जो मामला दर्ज है, उसमें अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इन आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि आगे कुछ और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। जैसे-जैसे इस घोटाले की जानकारी लोगों तक पहुँच रही है, वैसे-वैसे पुलिस को लिखित और मौखिक शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं। हालांकि, इन शिकायतों के पीछे ठोस सबूत जुटाने का काम किया जा रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि इस घोटाले से जुड़े मामले अन्य जिलों से भी नागपुर पहुँच रहे हैं। पुलिस उन शिकायतों की भी बारीकी से जांच कर रही है, लेकिन अब तक किसी नए केस में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। बोगस शिक्षक नियुक्तियों में जिन 'शालार्थ आईडी' का इस्तेमाल हुआ था, उनके बारे में जनवरी महीने में नागपुर पुलिस के साइबर सेल में शिकायत की गई थी। इस मामले में भी एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और साइबर विशेषज्ञ उसके तकनीकी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।

अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पराग पुडके से जुड़ा मामला और साइबर सेल में दर्ज शालार्थ आईडी वाला केस – क्या इन दोनों में कोई कड़ी है। इसके अलावा, नियुक्तियों में जिन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग हुआ, उन पर जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, वे असली हैं या नकली – इसकी भी गहन जांच की जाएगी। ज़रूरत पड़ने पर उन अधिकारियों से पूछताछ भी की जाएगी। हालांकि इस मामले की जांच के लिए अलग से SIT बनाई जायेगी क्या जब संदर्भ में डीसीपी राहुल मदने से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसका फैसला पुलिस आयुक्त लेंगे।