दोहरे हत्याकांड से दहली उपराजधानी नागपुर, वर्चस्व की लड़ाई से की गई हत्या

नागपुर: गृहमंत्री के शहर में हत्याओं का सिलसिला नए साल के पहले महीने में भी जारी है। उप-राजधानी एक ही रात में दो हत्याओं से हिल गई है। नागपुर पुलिस के नियंत्रण खो देने के कारण शहर में गैंगवार छिड़ गया है। नागपुर में गंभीर अपराधों के लिए चर्चित बीट्स गैंग के एक सदस्य की सेवादल नगर में करीब 30 लोगों ने पत्थर मारकर हत्या कर दी, जबकि जेल से भागे एक अपराधी को गुंडों के एक गिरोह ने चाकू घोंपकर मार डाला।
दोनों हत्याएं बुधवार मध्य रात्रि के आसपास हुईं। मारे गए बीट्स गैंग के सदस्य का नाम अमोल बहादुरे (32, सेवादलनगर, भांडेप्लोत) है। वाठोडा में जिस अपराधी की हत्या हुई उसका नाम अमोल वंजारी (22, वाठोडा) है।
पहली घटना में बीट्स गिरोह के सदस्य अमोल पंचम बहादुरे ने आठ साल पहले तिरंगा चौक पर सार्वजनिक स्थान पर एक युवक की हत्या कर दी थी। तब से लेकर अब तक तिरंगा चौक पर उनका दबदबा कायम है। तब से वह जबरन वसूली और जमीन हड़पने में लिप्त था। उन्होंने दो साझेदारों की मदद से नीलम और अन्य खनिज बेचने का व्यवसाय शुरू किया।
उनका एक अवैध कारोबार भी है। इसके लिए उसने घोगली में आलीशान दफ्तर ले रखा था।अमोल का कुख्यात दिनेश गायकी से पैसे और चिमनजारी स्थित खदान को लेकर विवाद चल रहा था। दिनेश गायका को आठ दिन पहले ही जेल से रिहा किया गया था।
दिनेश नाराज था क्योंकि अमोल ने पैसे देने से इनकार कर दिया था। दिनेश ने अपने दोस्तों प्रवीण ढींगे, शुभम हटवार और प्रतीक गाठे सहित लगभग 30 दोस्तों को सेवादलनगर में इकट्ठा किया। उन्होंने अमोल को फोन करके वहाँ बुलाया। रात 11:30 बजे अमोल दो दोस्तों के साथ कार से वहां पहुंचा। आरोपियों ने अमोल की कार को घेर लिया। अमोल भयभीत होकर कार से बाहर नहीं निकला। इसलिए आरोपियों ने उसकी कार के चारों तरफ के शीशे तोड़ दिए और उसे बाहर खींच लिया। उसे सार्वजनिक चौक पर पत्थर मार कर मार डाला गया।
उनके साथी अमित भुसारी और बंटी दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। सक्करदरा पुलिस को घटना की सूचना देर रात मिली। शव को घटनास्थल से चिकित्सा सुविधा के लिए भेज दिया गया। इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने अभी तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
जेल से रिहा होने के तुरंत बाद हत्या
वाठोडा में आतंकवादी संदिग्ध अमोल कृष्णराव वंजारी (22, भांडेवाड़ी, गोंड मोहल्ला) का स्थानीय गैंगस्टर एस प्रधान राजन उइके उर्फ गब्बर के साथ इलाके में वर्चस्व को लेकर विवाद था। इसलिए कुछ दिन पहले अमोल ने गब्बर को जान से मारने की धमकी दी थी और उस पर हमला भी किया था। गब्बर ने इस मामले में वाठोडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अमोल को गिरफ्तार कर लिया। अमोल को दो दिन पहले ही जेल से रिहा किया गया था। गब्बर को अपनी जान का डर था। इसलिए, उसने तेजस मेंढे और अल्पावियन के दो साथियों की मदद से अमोल की हत्या की साजिश रची। बुधवार रात को वह तीन दोस्तों की मदद से अमोल के पास पहुंचा, जो डंपिंग यार्ड की दीवार के पास बैठा था। चारों ने अमोल पर चाकुओं से हमला कर उसकी हत्या कर दी।

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