नागपुर- नागपुर सेंट्रल जेल में पेशी के लिए लाये गए कैदी के वापस जेल में घुसने के दौरान उसके पास से पाए गए 51 ग्राम गांजा और मोबाइल बैटरियों के मामले में चौकाने वाला खुलासा सामने आया है.इस मामले में सामने में जाँच में सामने आया है की कैदी के जेल की जिस सेल में बंद था वहां उसके साथ एक निलंबित पीएसआई भी बंद था और उसी के कहने पर पूरी प्लानिंग के तहत मकोका का आरोपी जेल से अपने साथियों के पास से गांजा और बैटरियां रिसीव कर जेल पहुंचा था.जेल में बंद बंद मकाेका आरोपी सूरज कावले द्वारा कोर्ट की चार्जशीट फाइल की जेरॉक्स कॉपी के कवर फाइल की हू-ब-हू कवर के पन्नों को जोड़कर उसमें 51 ग्राम गांजा और मोबाइल की 15 बैटरियां लेकर पहुंचा था.इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी के 8 मददगारों को गिरफ्तार किया है। जबकि पुलिस के आरोपी सेल के हवलदार और एक नायब सिपाही को निलंबित कर दिया गया है और 8 आरोपियों पर धंतोली थाने में मामला दर्ज किया गया है।
गिरफ़्तार आरोपियों में शुभम कावले, सूरज वाघमारे, भागीरथ खरदयाल, अथर्व खटाखटी, मोरेश्वर सोनोने और मुकेशबाबू पंजाब नायडू शामिल है. इस मामले में पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के आदेश पर पुलिस के आरोपी सेल के हवलदार प्रकाश मुसड़े व नायब सिपाही हेमराज राऊत को निलंबित किया गया है।
आरोपी ने अपने भाई से मंगवाया था माल,पीएसआई के भाई ने दिए थे पैसे
जेल में बंद मकोका के आरोपी सूरज कावले पर हत्या, लूटपाट, डकैती, मारपीट, कोयला चोरी सहित कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। वो जिस बैरक में बंद है उसी में निलंबित उपनिरीक्षक प्रदीप नितनवरे भी बंद है। नितनवरे गड़चिरोली पुलिस रेंज में तैनात था। दोनों के एक ही बैरक में होने से वो दोस्त बन गए। सूरज ने अपने भाई शुभम कावले को कारागृह में गांजा और बैटरियां भेजने के लिए कहा था।इसके लिए उपनिरीक्षक ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से गांजे और बैटरियों के लिए 41 हजार रूपए शुभम के खाते में डलवाये थे.उपनिरीक्षक का एक भाई नागपुर शहर के कोतवाली थाने में बतौर सिपाही तैनात है.मामला सामने आने के बाद पता चला है की उपनिरीक्षक जेल के अपने बैरक से मोबाइल के माध्यम से अपने परिवार और रिश्तेदारों से बातचीत किया करता था.
कुछ ऐसा सामने आया मामला
मकोका आरोपी को पेशी के बाद जेल वापस लौटने के समय जेल के मेन गेट में तैनात सिपाही रामदास कावले को सूरज के पास मौजूद फाइल के वजन के कारण शक हुआ। जेल अधिकारियों के अनुसार, फाइल की जांच करने पर रामदास हैरान रह गया, क्योंकि फाइल में दो पृष्ठों के बीच गांजा और मोबाइल की बैटरियां छिपाई गईं थीं और पेज चिपकाए गए थे।
अलर्ट हुई पुलिस डॉग स्कॉड के माध्यम से शुरू हुआ जेल का सर्च
सेंट्रल जेल में कैदियों के पास से नशे की सामग्री बरामद होने की यह कोई पहली घटना नहीं है लेकिन इस मामले में निलंबित उपनिरीक्षक के जुड़ जाने के बाद पुलिस अधिक सचेत हो गई है.इसलिए अब डॉग स्कॉड और बम निरोधक दस्ते को सर्च के लिए लगाया गया है.यह मामला पुलिस अधिकारियों से अपराधियों की सांठगांठ की बात से इनकार नहीं किया जा सकता इसलिए पुलिस आयुक्त ने अब इस मामले को और अधिक गंभीरता से लिया है और पुरे महक़मे को सघन जाँच के निर्देश दिए है.
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