"दंगाइयों से की जाएगी नुकसान की भरपाई", Nagpur Violence पर योगी आदित्यनाथ की राह पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
नागपुर: नागपुर शहर के महल और हिंसापुरी इलाकों में 17 मार्च को हुई हिंसा (Nagpur Violence) के मामले में पुलिस आयुक्त, पालक मंत्री और जिलाधिकारी के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने घोषणा की कि जिनका नुकसान हुआ है उनको पीड़ितों को भरपाई देने के लिए दंगाइयों से पैसा वसूला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, "हिंसा में शामिल दंगाइयों (Rioters) से नुकसान की भरपाई की जाएगी। यदि आरोपी पैसे भरने में असमर्थ रहे तो उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा और बेंचकर पैसे दिए जायेंगे।"
नागपुर शहर में 17 मार्च की रात को भड़की हिंसा के बाद अब राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए समीक्षा बैठक की। इसके बाद पत्रकार परिषद में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दंगाइयों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हिंसा में जिनकी संपत्तियों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन यह राशि दंगाइयों से वसूली जाएगी। अगर वे पैसे नहीं भरते हैं, तो उनकी संपत्तियाँ जब्त कर नीलाम की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “नागपुर में जो कुछ भी हुआ, वह पूरी तरह से पूर्वनियोजित था। यह कोई अचानक भड़की हुई घटना नहीं थी। सरकार इस पर सख्त कदम उठाने जा रही है। दंगों में जिन लोगों की गाड़ियाँ, दुकानें, घर और अन्य संपत्तियाँ क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन्हें राज्य सरकार मुआवजा देगी। लेकिन यह पैसा सरकार बाद में दंगाइयों से वसूल करेगी।”
92 गिरफ्तार, 12 नाबालिग
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक पुलिस ने इस मामले में 92 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 12 आरोपी नाबालिग हैं, जिनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने घटनास्थलों के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो, और पत्रकारों द्वारा दिए गए रिकॉर्डिंग की मदद से 104 संदिग्धों की पहचान की है। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
फडणवीस ने कहा, “पुलिस लगातार जांच कर रही है। वीडियो फुटेज और डिजिटल सबूतों के आधार पर और भी दंगाइयों की पहचान की जा रही है। जो भी व्यक्ति दंगे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है, उस पर कार्रवाई तय है।”
सोशल मीडिया पर भी सख्ती
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिंसा को भड़काने में सोशल मीडिया की भी बड़ी भूमिका रही है। अब तक करीब 68 भड़काऊ पोस्ट्स की पहचान की गई है और उन्हें हटाया गया है। कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने भड़काऊ पोस्ट या पॉडकास्ट के जरिए माहौल को बिगाड़ा, अफवाहें फैलाईं और डर का वातावरण तैयार किया, उन्हें भी मुख्य आरोपियों के साथ सह-आरोपी बनाया जाएगा।”
फडणवीस ने साफ किया कि सरकार इस पूरे मामले में कोई ढील नहीं बरतेगी। उन्होंने कहा, “जिन्होंने समाज में तनाव फैलाया, शांति भंग की, उन्हें कानूनी सजा मिलेगी। और नुकसान की भरपाई भी उन्हीं से की जाएगी। यदि वे पैसे नहीं भरते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त कर उसे नीलाम किया जाएगा।”
नागपुर सहित पूरे महाराष्ट्र को संदेश
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ नागपुर तक सीमित नहीं रहेगी। महाराष्ट्र के किसी भी हिस्से में अगर इस तरह की घटनाएं दोहराई गईं, तो उसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार की नीति स्पष्ट है कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
पालकमंत्री ने भी किया घटनास्थल का दौरा
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। नागपुर हिंसा के बाद सरकार की इस कड़ी कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने से परहेज़ नहीं किया जाएगा।
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