वन्यजीव तस्करी मामलों का हुआ भंडाफोड़; हिरासत में चार तस्कर, नागपुर से एक डॉक्टर रंगे हाथ गिरफ्तार

अकोला: अकोट में पुणे सीमा शुल्क विभाग और अकोला वन विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए तेंदुए की खाल की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई के दौरान अकोट से तीन आरोपियों को तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया। इसी मामले में अब एक डॉक्टर को, कछुओं की तस्करी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
अकोट तेंदुए की खाल तस्करी मामले का मुख्य आरोपी बाबा फरार है और वन विभाग मामले की जांच कर रहा है। मास्टरमाइंड राजकुमार सिक के मोबाइल नेटवर्क के संपर्क में रहने वाले 4 आरोपियों को पैंगोलिन के साथ अमरावती जिले से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में एक और वन्य जीव तस्कर को वन विभाग ने नागपुर से गिरफ्तार किया है।
इस पैंगोलिन तस्करी का मुख्य सरगना किसन गायकवाड़ है। इन आरोपियों के संपर्क में रहने वाले एक वन्यजीव तस्करी डॉक्टर को जाल बिछाकर नागपुर के मल्टीस्टेलिटी हॉस्पिटल में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया।
अब तक आठ की गिरफ्तारी
इस मामले में वन विभाग ने फर्जी ग्राहक बनकर 10 लाख रुपये में कछुआ खरीदने का सौदा करने वाले डॉक्टर अशोक बिलालेकर को नागपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार डॉक्टर पिछले तीन साल से राजकुमार के संपर्क में था। साथ ही वन विभाग को जानकारी मिली है कि गिरफ्तार डॉक्टर के संपर्क में कई अन्य वन्य जीव तस्करी करने वाले गिरोह भी हैं। वन्य जीव तस्करी मामले में वन विभाग अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है।
अकोट कोर्ट ने सात आरोपियों को जेल भेज दिया है और उनमें से कछुओं की तस्करी करने वाले डॉक्टर को वन हिरासत की सजा सुनाई गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है। उम्मीद है कि आने वाले समय में वन्य जीवों की तस्करी करने वाले कई गिरोह वन विभाग के हत्थे चढ़ेंगे।
अंधविश्वास के लिए जंगली जानवरों की तस्करी करने वाले गिरोह अकोला जिले और राज्य भर में सक्रिय हो गए हैं और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में गंभीर कार्रवाई की उम्मीद है।

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