Gondia: आमगांव के नागरिको का अनोखा आंदोलन, समस्याओं की लगाई गुड़ी

गोंदिया: आमगांव नगर परिषद सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले को लेकर नागरिकों ने अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के दूसरे दिन, प्रदर्शनकारियों ने आवास, शौचालय, रोजगार और पानी के मुद्दों पर गुढ़ियां खड़ी कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। आमगांव के नागरिक लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इसलिए संघर्ष समिति ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। आठ साल से नागरिक विकास से वंचित हैं। इसमें शामिल आठ गांवों के नागरिकों को केंद्र और राज्य सरकारों ने नागरिक लाभ योजनाओं को बंद कर फंसाया है।
नागरिकों को गृहकार्य, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्य से वंचित होना पड़ा, आर्थिक तंगी के कारण रोजगार न मिलने से नागरिक हताश हो गये हैं। जनसंख्या वृद्धि के कारण कोई नई योजना न होने के कारण, नागरिक पानी की कमी से पीड़ित हैं, नागरिक गंदी बस्तियों और सीवरों की बढ़ती समस्याओं से पीड़ित हैं। पिछले आठ साल से महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नगर परिषद का मामला दायर किया और मामले का समाधान नहीं किया। राज्य सरकार द्वारा किए गए न्याय के मामले के कारण राज्य सरकार ने नगरपालिका परिषद में प्रशासनिक मामलों को जारी रखा है। इस कारण चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए जनप्रतिनिधि का चुनाव नहीं हुआ और योजना विकास निधि स्वीकृत नहीं हुई, इसलिए इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया।
नगर पालिका परिषद में आमगांव, बनगांव, किंडगीपार, माली, पदमपुर, कुम्भरटोली, बिरसी, रीसामा आठ गांवों को न्याय दिलाने के लिए नगर परिषद संघर्ष समिति ने नागरिक भागीदारी से मध्य प्रदेश राज्य में विलय की मांग सरकार से की। नोटिस नहीं। इसलिए अब नागरिक आक्रोशित हैं और उन्होंने 21 मार्च से मांग माने जाने तक तहसील कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। आज भूख हड़ताल के दूसरे दिन अनशन कार्यकर्ताओं ने उठाया समस्याओं का अड्डा इस बार आमगांव संघर्ष समिति के रवि क्षीरसागर, यशवंत मानकर, संजय बहेकर, उत्तम नंदनेश्वर, नरेशकुमार माहेश्वरी, जिला परिषद सदस्य सुरेश हर्षे, कमलाबापू बाहेकर समस्याओं का अड्डा खड़ा किया और नारेबाजी की।

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