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Black Panther Hunting Case: अदालत ने तीन आरोपियों को भेजा जेल, दो की हिरासत बढ़ाई


गोंदिया: काला तेंदुआ शिकार मामले में सड़क अर्जुनी न्यायालय ने पांच में से तीन आरोपियों को भंडारा जिला जेल भेज दिया है। वहीं दो अन्य आरोपियों को वन विभाग की हिरासत में भी दिया है। ज्ञात हो कि, कला हिरन मामले में वन विभाग ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार क्या था, इसके बाद सभी को वन विभाग की हिरासत में भेज दिया गया था। 

2 मार्च फिर से उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने पर श्यामलाल मदावी, दिवारू कोल्हारे व अशोक गोटे इन तीन आरोपियों को न्यायालय ने 15 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भंडारा जेल भेज दिया है। इनमें से दो मुख्य आरोपी  माणिक ताराम व  रवींद्र बोडगेवार को  4 मार्च तक वन हिरासत में भेज दिया गया है। प्रकार में  फिर दो आरोपियों  को वन विभाग ने  3 मार्च को हिरासत में लिया है और उनसे गहनता से पुछताछ की जा रही है। 

जानें क्या है पूरा मामला?


चिचगड वन विभाग व पुलिस द्वारा देवरी तहसील के पालांदुर मी में 26 फरवरी छापामार कार्रवाई में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जंगली जानवरों के अंग जब्त किए गए थे।   दुसरी तरफ उसी दिन  मंगेजरी से चार और आरोपियों को गिरफ्तार करने में वन विभाग को सफल मिली।  इनके पास से बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों के अंग बरामद हुए हैं।  

जानकारी के अनुसार विशेष व्याघ्र सरंक्षण दल व  नवेगांव-नागझिरा ब्याघ्र प्रकल्प के  अधिकारियों को जिले में जंगली जानवरों के अंगों की तस्करी और बिक्री की गुप्त सूचना मिली थी।  उसके अनुसार  26 फरवरी  को पालंदूर में पुलिस के साथ वन अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई की गई।  इसमें रविंद्र लक्ष्मण बोडगेवार के घर की तलाशी के दौरान बाघ के पंजे और दांत और भालू का कलेजा, 21 लाख रुपये नकद और 84 हजार रूपये  की देशी शराब जब्त की गई थी। 

उसके बाद मंगेजरी में छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।  उसमें शामलाल विक मड़ावी, दिवारु कोल्हारे, माणिक दरसू ताराम, अशोक गोटे सभी  मंगेजरी निवासी का समावेश था।   पुलिस ने बताया कि इसमें  माणिक दरसू ताराम आत्मसमर्पण कर चुका नक्सली है।  इन आरोपियों के पास से  बाघ या तेंदुए के 2 दांत, 1 नख,  भालू के 3 नाखून, 10 जंगली सूअर के दांत, चीतल का 1 सींग, सियार जानवर का कांटा, खल्या बिल्ली की खवले, तार का फंदा, 1 जीवित मोर, मोर पंख के 5 बंडल, जंगल भैंसे का सींग, सूखी हड्डियां, खून पापड़ी (छाल), सूखा मांस बरामद किया गया।  

पांचों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत वन अपराध दर्ज किया गया।  जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी ने एक दुर्लभ काले तेंदुए का शिकार किया था।  उसके सबूत भी जब्त किए गए थे।  इस बीच, पुलिस और वन विभाग को संदेह है कि आरोपियों के पास से जब्त की गई नकद शराब की बिक्री से नहीं बल्कि जंगली जानवरों के अंगों की बिक्री से प्राप्त हुई होगी।