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Gondia: जंगली भैंसों के झुंड ने धान फसल को कर दिया चौपट, किसानों ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी


गोंदिया: किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई की। धान के खेत में धान खड़ा होने के दौरान अचानक जंगली भैसों ने जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील के ग्राम ईटखेडा, डोंगरगांव-रीठी में पिछले 8 दिनों से खेत को उजाड़ने की योजना को अंजाम दिया है। वन विभाग से शिकायत करने के बाद भी साधारण पूछताछ तक नहीं की गई। इससे किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है और वन परिक्षेत्र कार्यालय अर्जुनी मोरगांव के समक्ष भूख हड़ताल की चेतावनी दी गई है। 

अर्जुनी मोरगांव वन परिक्षेत्र के ईटखेड़ा गांव के किसान डोंगरगांव-रीठी में खेती कर रहे हैं। गर्मी में धान की फसल लगाए 15 दिन हो गए हैं। खेत में धान अच्छी तरह लहलहा रही है। किसानों ने सब कुछ कुर्बान कर धान की फसल बोई। इस तरह पिछले चार दिनों से जंगली भैसों का झुंड वन क्षेत्र के पास धान की फसल पर हमला कर रहा है। सरपंच आशा झिलपे ने घटना की जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी मोरगांव को दी। वन परिक्षेत्र के कर्मचारी रात्रि में गश्त करते है ऐसा बताया गया। लेकिन अभी तक मौके की जांच नहीं कराई गई है। 

दो दिनों के अंतराल के बाद जंगली भैंसों ने फिर से आक्रमण किया। रात्रि की होने के बाद भी आक्रामक कैसे हुआ यह उनकी गश्त पर सवालिया निशान बन गया है। इससे किसान भ्रमित हैं और वन अधिकारी किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। वहीं बाघ और भालू जैसे जंगली जानवर गांव और आसपास के जंगलों में हमेशा मौजूद रहते हैं, जिससे किसान भी डर के मारे शाम को घर लौट आते हैं, वे रात में खेतों में गश्त करने से डरते हैं।

नहीं तो भूख हड़ताल ही रास्ता है

वन विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ईटखेड़ा के उध्दव मेहंदडे, विकास लांडगे, आनंदराव मेहंदडे, गोवर्धन मिसाल, सोमेश्वर मिसाल, मोरेश्वर मिसाल, सेवक प्रधान, हरिदास प्रधान, जगन लांडगे, सिद्धार्थ गडपाल, टीकाराम बोरकर, रवि बोलने, मनोहर लांजेवार, मारुति प्रधान, रमेश ठाकरे, रूपराम धांडे आदि पीड़ित किसानों ने अर्जुनी मोरगांव कार्यालय के सामने भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है और इस संबंध का निवेदन सांसद प्रफुल पटेल, विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे, उपवन संरक्षक गोंदिया को प्रेषित किया है।