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Gondia

Gondia: बड़ा खुलासा, जिले के 6 केंद्रों में से 45 हजार क्विंटल धान गायब


गोंदिया. आदिवासी विकास महामंडल के देवरी तहसील अंतर्गत आलेवाडा व गोर्रे इन 2 धान खरीदी केंद्रों पर 14 हजार क्विंटल धान गायब होने की बात हाल ही में सामने आई थी. इसके बाद जिला मार्केटिंग फेडरेशन के जिले के 6 धान खरीदी केंद्रों पर लगभग 45 हजार क्विंटल धान गायब होने से खलबली मच गई है. जिससे इतने बड़े पैमाने पर धान गायब कैसे हो गया ऐसा सवाल किया जा रहा है. जिले में खरीफ और रबी मौसम में जिला मार्केटिंग फेडरेशन के शासकीय धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से हमी भाव पर धान खरीदी की जाती है. इसके बाद खरीदी किए धान की मिलिंग के लिए  राईस मिलर्स सहित अनुबंध कर चांवल शासन को जमा किया जाता है. 

इस बार रबी मौसम में धान खरीदी के दौरान धान खरीदी केंद्रों पर बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है. इसी में अब सहकारी संस्था के माध्यम से धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी किए धान में से 45 हजार क्विंटल धान संबंधित केंद्रों के गोदाम में नहीं होने का मामला सामने आया है. जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने खरीदी केंद्रों के धान की मिलिंग के लिए धान उठाने राईस मिलर्स को डीओ दिया. जिससे वह डीओ लेकर राईस मिलर्स जब धान खरीदी केंद्रों पर पहुंचे तब धान खरीदी केंद्रों पर धान ही नहीं था. इसकी तत्काल शिकायत जिला मार्केटिंग फेडरेशन को की गई. इसी तरह की 6 केंद्रों पर शिकायत सामने आई है.

 जिससे इन केंद्रों को जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है. दो दिन में जवाब नहीं देने पर इन धान खरीदी केंद्रों के संचालक मंडल के खिलाफ फौजदारी मामले दर्ज किए जाएंगे ऐसा इस विभाग के अधिकारी ने बताया है. इस संबंध में जिला मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारी मनोज बाजपेई ने बताया कि राईस मिलर्स को केंद्र से धान उठाने के लिए डीओ देने के बाद वे धान उठाने गए थे. जबकि प्रत्यक्ष में वहां धान नहीं होने की उनके माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई है. इसके आधार पर इन केंद्रों का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर उन्हें नोटिस दिया गया है. दो दिन में इस पर उत्तर नहीं देने वालों के खिलाफ फौजदारी मामले दाखिल किए जाएंगे.

मार्ग खराब होने का बहाना

शासकीय धान खरीदी केंद्र पर खरीदी किए गए धान प्रत्यक्ष में संबंधित संस्था के गोदाम और केंद्र पर नहीं होने की जानकारी है. इसमें मजेदार बात यह है कि इस सब प्रकरण का कहीं खुलासा न हो जाए इसके लिए गोदाम तक वाहन जाने के लिए मार्ग बराबर नहीं होने के कारण बताए गए. वहीं अब प्रत्यक्ष में जांच की शुरूआत होने से बड़ा घोटाला सामने आने की संभावना है.

6 से अधिक केंद्रों का समावेश

जिला मार्केटिंग फेडरेशन के केवल 6 ही नहीं तो 20 से 25 केंद्रों पर खरीदी किए धान और प्रत्यक्ष में रखे धान से बड़ा फर्क होने की जानकारी है. जिससे इस प्रकरण में दुर्लक्ष करना यह अब जिला मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारियों के लिए मुश्किल खड़ी कर देगा. इसके कारण जिस धान खरीदी केंद्र के पास धान शेष रह गया है उसका निरीक्षण अब इस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कर रहे हैं.