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Gondia

Gondia: जिले में पांच करोड़ का धान घोटाला आया सामने, खरीदी केंद्र संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं


गोंदिया: चावल का कटोरा कहने जाने वाले गोंदिया जिले में चावल के बाद धान घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में खरीदी केन्द्रो और राइस मिलों से 25,000 क्विंटल जिसकी कुल कीमत पांच करोड़ की धान ग़ायब मिली है। घोटाले के सामने आने के बाद भी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं धान बेटे हुए एक महीना बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं होने पर किसानों ने जिला प्रशासन को आत्महत्या करने की चेतवानी दी है। 

गोंदिया जिले में रबी सीजन के दौरान जिला विपणन अधिकारी कार्यालय द्वारा 177 अनाज उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 14 लाख 500 क्विंटल अनाज की खरीदी की गई है. हालांकि, चावल मिल संचालकों ने चौंकाने वाली जानकारी दी है कि इनमें से छह संस्थानों के पास लगभग 25,000 क्विंटल अनाज उपलब्ध नहीं है।

गोंदिया जिले में, जिला विपणन कार्यालय ने अपने द्वारा खरीदे गए अनाज को भेजने के लिए गोंदिया जिले की 200 से अधिक चावल मिलों के साथ एक समझौता किया है। उन्हें अनाज थोक के लिए अनाज उपार्जन केंद्र के माध्यम से थोक में देने के लिए दिया जाता है। हालाँकि, गोंदिया जिले के छह अनाज खरीद केंद्रों ने खरीदा हुआ सरकारी अनाज व्यापारियों को बेच दिया।

गोंदिया शहर से सटे चुटिया गांव के श्रीराम अभिनव अनाज खरीदी केंद्र के गोदाम में 16 हजार 500 क्विंटल अनाज उपलब्ध नहीं होने की बात सामने आयी है। इस अनाज क्रय केंद्र पर अनाज बेचने वाले 34 किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान एक माह बीत जाने के बावजूद जिला विपणन कार्यालय द्वारा नहीं दिया गया है। दूसरी ओर, जानकारी सामने आई है कि गोरेगांव तहसील में क्रय-विक्रय संस्था के माध्यम से गोंडेखरी, सेरवाटोला, कलमाटी नामक तीन गांवों में संस्था के गोदाम में 10,000 किलोक्विंटल अनाज उपलब्ध नहीं है। जिला विपणन अधिकारी विवेक इंगले ने बताया है कि तिरोड़ा तहसील के खैरबोडी और चुरडी अनाज खरीदी केंद्र के गोदाम में 1,600 किलो धान उपलब्ध नहीं है।

नहीं हुआ भुगतान तो कर लेंगे आत्महत्या 

इस संबंध में जब चुटिया गांव के किसानों ने जिला विपणन अधिकारी विवेक इंगले से पूछा तो उन्होंने किसानों को बताया कि आपके द्वारा बेचा गया करोड़ों रुपये का अनाज गोदाम में नहीं होने के कारण भुगतान रुका हुआ है। वहीं दूसरी ओर बिना किसी गलती के किसानों का भुगतान रोक दिए जाने से किसानों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस सीजन में अनाज कहां बोएं और किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें आठ दिन के अंदर भुगतान नहीं मिला तो वे आत्महत्या कर लेंगे।

आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

इस वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य में धान की कीमत 2600 रुपये प्रति क्विंटल होने के कारण गोंदिया जिले में खरीदा गया सरकारी अनाज अनाज खरीदी केंद्र के संचालक और चावल मिलर्स द्वारा बेच दिया गया है। अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए खबर को संज्ञान में लेने के बाद सभी आम लोग सोच रहे हैं कि क्या कलेक्टर ऐसे संस्थानों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।