तुलजापुर ड्रग तस्करी मामले को लेकर नाना पटोले का भाजपा पर हमला, कहा- माफियाओं को सत्ता का पहुंचने का रास्ता बनी
नागपुर/महाराष्ट्र: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विधायक नाना पटोले ने सत्तारूढ़ भाजपा पर माफिया प्रवृत्ति के लोगों के लिए रास्ता बनाने का आरोप लगाया है। अब लोग जान गए हैं कि भाजपा के मुँह के और खाने के अलग-अलग दाँत हैं। इसीलिए आज महाराष्ट्र में यह राय बन रही है कि हमारे महाराष्ट्र को कहाँ ले जाया गया?
तुलजापुर ड्रग तस्करी मामले के आरोपियों के भाजपा में शामिल होने से राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस मामले को लेकर विपक्ष निशाने पर आ गया है। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी इस मामले में भाजपा पर निशाना साधा है और सत्तारूढ़ भगवा पार्टी पर माफिया प्रवृत्ति के लोगों के लिए रास्ता बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले विधानसभा में नासिक के एक माफिया पर आरोप लगाया था। लेकिन उसके बाद उसे अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। भाजपा खुद को अलग पार्टी कहती है। लेकिन अब उसके अपने ही लोग यह बयान दे रहे हैं कि उनकी पार्टी में भ्रष्ट लोगों को वॉशिंग मशीन में धोया जा रहा है।
भाजपा की बेहद निम्न स्तर की राजनीति
लोग अब जान गए हैं कि भाजपा के दाँत उनके दाँतों से अलग हैं। यही वजह है कि भाजपा किसी भी ज़िले से माफिया जैसे लोगों को पार्टी में शामिल करके उन्हें सत्ता का रास्ता दिखाने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से महाराष्ट्र में इस समय बड़े पैमाने पर यह धारणा बन रही है कि महाराष्ट्र को एक हद तक ले जाया गया है। पत्रकार भी अब इस बारे में खुलकर बोल रहे हैं। नाना पटोले ने कहा कि भाजपा इस समय बेहद निम्न स्तर की राजनीति कर रही है।
शरद पवार पर कांग्रेस तोड़ने का आरोप
गौरतलब है कि नाना पटोले ने हाल ही में शरद पवार पर कांग्रेस तोड़ने का आरोप लगाया था। पार्थ पवार मामले पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा और हमारे सहयोगियों ने कांग्रेस को कमज़ोर करने की साजिश रची है। यह अब कोई राज़ नहीं रहा। उनकी योजना हमारी पार्टी को ख़त्म करने की है। लेकिन वे इसमें कभी कामयाब नहीं होंगे। हम 2029 में जीतना जानते हैं। हम भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुणे प्लॉट घोटाला बेहद गंभीर मामला है। अगर यह मामला वाकई गंभीर है, तो सरकार ख़ुद इसकी जाँच कैसे कर सकती है?
सरकार ने इस जाँच का नेतृत्व अपने ही विभाग के एक अधिकारी को सौंपा है। अगर सरकार में हिम्मत है, तो उसे इस जाँच की बागडोर तुकाराम मुंढे जैसे अधिकारी को सौंप देनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि भाजपा बड़े पैमाने पर ज़मीन हड़पने वालों को बचा रही है। इसलिए उसे नैतिकता की बात करने का कोई अधिकार नहीं है।
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