धीरेन्द्र शास्त्री को मिली क्लीनचिट को श्याम मानव ने मानने से किया इनकार, कहा- ये क़ानूनी नहीं राजनीतिक निष्कर्ष

नागपुर: अंधश्रद्धा और जादू-टोना के आरोप में घिरे बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को बड़ी राहत देते हुए नागपुर पुलिस ने उन्हें क्लीनचिट दे दी है। पुलिस ने कहा कि, नागपुर में हुई सभा में उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला को अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन करें। पुलिस की इस क्लीनचिट पर शिकायतकर्ता श्याम मानव ने मानने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ यह भी कहा कि, यह कानून का नहीं राजनीतिक निष्कर्ष है।
श्याम मानव ने कहा, "पहली बात की यह क्लीन चिट नहीं है। पुलिस के अनुसार उन्हें वीडियो में कुछ नहीं मिला है। लेकिन जो कानून है उसके अनुसार नागपुर में जो दरबार लगा उन पर यह कानून लागू होता है। इसी के साथ इस दौरान जो भी बातें कही गई उन पर भी सीधे लागू होती है।" उन्होंने आगे कहा कि, “अंधश्रद्धा और जादू-टोना के मुताबिक महाराष्ट्र के अंदर अगर कोई भी इसे टीवी में भी दिखता हैं तो वह भी कानून का उल्लंघन है।”
हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना
बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ के एक निर्णय का हवाला देते हुए श्याम मानव ने कहा कि, “अदालत अपने आदेश में स्पष्ट बताया है कि, अगर कोई बाबा या कोई व्यक्ति भगवान के नाम पर तेरा कल्याण हो जायेगा तुझे नौकरी मिल जाएगी ऐसा कहता है तो वह भी कानून का उल्लंघन है और इसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि, "नागपुर पुलिस का निष्कर्ष सीधे सीधे अदालत के आदेश का अवहेलना है। यह साफ़ दिखाई पड़ रहा है कि, कानून के हिसाब से यह निष्कर्ष नहीं निकला है, बल्कि राजनीतिक लोगों के हिसाब से निष्कर्ष निकाला गया है।"
चर्चा के बाद लेंगे निर्णय
पुलिस की क्लीन चिट के विरोध में अदालत में याचिका लगाने के सवाल पर श्याम मानव ने कहा, "अभी पहले हम इसको लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित पुलिस विभाग के बड़े अधिकारीयों से बात करेंगे और इसपर चर्चा करेंगे। इसके बाद तय करेंगे की इसपर अदालत जाना है या नहीं।

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