कुछ लोग साल भर तक बैठक नहीं लेते थे, नाना पटोले ने कहा- मीडिया को हमारी ज्यादा चिंता

नागपुर: नासिक स्नातक चुनाव को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस दो फाड़ की स्थिति पर पहुंच गई है। पार्टी नेताओं ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसमें सबसे बड़ा नाम बालसाहेब थोरात का है। भांजे सत्यजीत तांबे के टिकट पर लिए निर्णय को लेकर थोरात नाराज चल रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को उन्होंने विधानसभा में विधायक दल के नेता के तौर पर इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उन्होंने पटोले पर गई गंभीर आरोप भी लगाया है। इसी बीच पटोले ने बिना नाम लिया थोराट पर तंज कसा है।
कुछ तो साल भर नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, “मैंने 15 फ़रवरी को प्रदेश कार्यकरिणी की बैठक बुलाई है। हर तीन महीने में यह बैठक बुलानी पड़ती है। पिछले अध्यक्ष तो साल-साल तक बैठक नहीं बुलाते थे। कार्यकारिणी की बैठक में इसपर चर्चा और निर्णय लिया जाएगा।”
ज्ञात हो कि, नाना पटोले के अध्यक्ष बनने से पहले बालासाहेब थोरात महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष थे। पृथ्वीराज चौहान के बाद थोरात को सात जुलाई 2019 को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। पांच फ़रवरी 2021 तक उनके पास यह पद रहा। इस दौरान थोराट के केवल एक बार कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी।
थोरात-पटोले का विवाद नया नहीं
बालासाहेब थोराट और नाना पटोले के बीच का विवाद नया नहीं है। समय-समय पर किसी न किसी मुद्दे पर दोनों के मतभेद सामने आते रहे हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पटोले के राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। पटोले के इस ऐलान पर थोरात ने सार्वजनिक तौर पर खरिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि, पार्टी महाविकास अघाड़ी के साथ चुनाव लड़ेगी। वहीं जब कांग्रेस चलाने के लिए फंड की बात आई थी तो उस समय पटोले द्वारा दिए फार्मूला को थोरात से सरे से इनकार कर दिया था।
मीडिया को हमारी ज्यादा चिंता

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