दिव्य दरबार में चमत्कार का दावा सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी की नहीं बल्कि विश्वास की धोखाधड़ी है-श्याम मानव

नागपुर: अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और धीरेन्द्र शास्त्री की कथा का आयोजन करने वाले समिति के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है.आयोजन समिति ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और इसके अध्यक्ष श्याम मानव पर सनातन धर्म को बदनाम करने का आरोप लगाया है तो जवाब में श्याम मानव ने कहां की वह आरोप को कोई ख़ास महत्त्व नहीं देते लेकिन अहम सवाल यह है की लोगों के साथ आस्था के नाम पर लूट नहीं होनी चाहिए। दिव्य दरबार लगाकर चमत्कार का दावा के वाल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं बल्कि विश्वास के साथ धोखाधड़ी है.उनके मुताबिक कथा के आयोजन में भले ही काफ़ी खर्चा होता हो लेकिन वह यह आरोप नहीं लगा रहे है की चमत्कार के नाम पर आर्थिक धोखाधड़ी हुई है.हाँ यह बात और है की दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के लिए 1 हजार रूपए की रसीद ली गई जिसे उन्होंने पुलिस को दी गई शिकायत में जमा कराया है.आध्यात्मिक शक्ति,अंतर्ज्ञान की शक्ति अगर सिद्ध होती है तो इसकी वजह से देश का भला होगा। देश भर का विश्व में नाम होगा क्यूंकि आज तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर यह बातें सिद्ध नहीं हुई है.यह पहला अवसर होगा इसलिए पूरी दुनिया का मुँह बंद करने के लिए धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री इस आव्हान को स्वीकार करें। अगर वह हमारे कहें अनुसार चमत्कार को सिद्ध करते है तो मैं बीते 40 वर्षो से शुरू अपने संगठन को बंद कर दूंगा,उनके पैर पडूंगा और सार्वजनिक तौर से माफ़ी मांगूगा।

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