आशा स्वयंसेवकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर राज्य सरकार का बड़ा निर्णय, ड्यूटी के दौरान मृत्यु पर 10 लाख की आर्थिक सहायता

नागपुर: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार ने आशा स्वयंसेवकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और समूह प्रवर्तकों को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत ड्यूटी के दौरान कोई भी कर्मचारी की मौत होती है तो सरकार उसे 10 लाख रूपये, वहीं दिव्यांगता पर पांच लाख की सहायता देगी।
इसमें एक अहम फैसला लेते हुए आशा स्वयंसेवकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और समूह प्रवर्तकों को राहत दी गई है. यदि किसी आशा स्वयंसेवी की ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो राज्य सरकार अब 10 लाख रुपये की सहायता देगी। साथ ही, राज्य सरकार ने ड्यूटी के दौरान दुर्घटना के कारण स्थायी विकलांगता की स्थिति में 5 लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया है।
इस बीच, राज्य सरकार ने आज आशा स्वयंसेवकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और समूह प्रवर्तकों के लिए जो निर्णय लिया है, उसे जल्द ही लागू किया जाएगा। साथ ही, 'राजे यशवंतराव होल्कर महामेश' योजना जारी रहेगी और राज्य सरकार ने चरवाहा लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में राशि जमा करने का निर्णय लिया है।
आज क्या निर्णय लिए गए?
- 'राजे यशवंतराव होलकर महामेश' योजना जारी रखी जाएगी. चरवाहा लाभुकों को अब सीधे उनके खाते में राशि मिलेगी.
- आशा स्वयंसेवकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं समूह प्रवर्तकों को अनुदान देने का निर्णय। दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये और विकलांगता होने पर 5 लाख रुपये की सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
- कृषि फसलों की क्षति के निर्धारण हेतु अद्यतन प्रणाली विकसित करने का राज्य सरकार का निर्णय।
- दिव्यांग कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में अब आरक्षण नीति लागू करने का निर्णय।
- बृहन्मुंबई में न्यायिक अधिकारियों के लिए किराये के आधार पर 51 फ्लैट उपलब्ध कराने का निर्णय।
- अंबाद तालुका में एमआईडीसी के लिए 16 हेक्टेयर सरकारी जमीन उपलब्ध कराने का राज्य सरकार का निर्णय।

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