फडणवीस कर गए खेल, नाना पटोले बोले- हम ने स्थिति पर रखी है नज़र

"भाजपा आज दबाव बनाकर हमारे घरों को तोड़कर आनंद ले रही है लेकिन जब उसका घर टूटेगा तब उन्हें( भाजपा वालों ) को आज जिनके घर टूट रहे है उनके दुख का एहसास होगा"-नाना पटोले
नागपुर:नासिक विभाग स्नातक मतदाता संघ के चुनाव में भाजपा ने फिर एक बार खेल कर दिया है.इस खेल के पीछे देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक दिमाग होने की बात कही जा रही है.चुनाव में कांग्रेस ने जिसे उम्मीदवारी दी वो डॉ सुधीर तांबे चुनाव से पीछे हट चुके है जबकि उनके बेटे सत्यजीत तांबे अब बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में है और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें समर्थन का ऐलान किया है.नासिक की सीट को लेकर गुरुवार को दिन भर राजनीतिक रस्साकशी शुरू रही जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले नागपुर और अमरावती में चुनावी रणनीतियों में व्यस्त रहे.
इस सीट को लेकर भाजपा ने खेल कर दिया लेकिन बावजूद इसके पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बस इतना कहा की हमने पार्टी हाईकमान से शिकायत की है,सत्यजीत तांबे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नहीं है इसलिए उनका पार्टी समर्थन भी नहीं करेगी। नागपुर में शुक्रवार को नाना पटोले द्वारा दी गई 6 मिनट की बाइट के दौरान पत्रकारों ने कम से कम 6 बार यह सवाल किया की क्या पार्टी तांबे पिता-पुत्र पर कार्रवाई करेंगे लेकिन इस पर पटोले ने स्पस्ट ज़वाब नहीं दिया।
हाँ नाना ने यह जरूर कहां की आज दबाव बनाकर भाजपा को भले ही दुसरो के घर तोड़ने का आनंद ले रही होगी लेकिन जब उसका( भाजपा ) का घर टूटेगा तब उसे आज जिनका घर टूट रहा है उसका दर्द पता चलेगा। इस पूरे प्रकरण में तांबे परिवार के रिश्तेदार और और राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरार की भूमिका को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर पटोले ने कहा की थोरात गुरुवार दोपहर तक उनके संपर्क में थे.लेकिन जैसे ही उम्मीदवारी को लेकर स्थिति स्पस्ट हुई उसके बाद से उनसे संपर्क नहीं रखा.
जो कुछ हुआ उसके बाद से फडणवीस का वो बयान सुर्खियों में
नासिक विभाग स्नातक मतदाता संघ के चुनाव में कांग्रेस को लेकर जो कुछ हुआ उसके बाद से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का एक महीने पहले 6 दिसंबर को कही गई बात सुर्खियों में है.जिसमे मुंबई में आयोजित फडणवीस ने खुले मंच से सत्यजीत तांबे को लेकर उनके मामा बालासाहेब थोरार को कहा था की सत्यजीत पर भाजपा की नज़र है इसलिए वो जल्द उन्हें सदन में लाये। फडणवीस की इस बात के एक महीने के बाद ही निष्ठावान कांग्रेस का और परिवार टूट गया.

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