सरकार की बढ़ी मुश्किलें, अब सेवानिवृत्त एसटी कर्मचारी करेंगे हड़ताल

नागपुर: एसटी के नियमित कर्मचारियों की साढ़े पांच माह से चल रही हड़ताल के चलते एसटी की यात्री ट्रेनें ठप हो गई थीं. हड़ताल खत्म कराने में निगम नाकाम रहा। अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने 2019 की बकाया राशि व अन्य मांगों को लेकर 30 जनवरी से पूर्व विदर्भ में आंदोलन की घोषणा की है। मांग पूरी नहीं होने पर निगम ने दूसरे चरण में राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
राज्य परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी संघ महाराष्ट्र के क्षेत्रीय सचिव एवं महाराष्ट्र अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय हट्टेवार ने कहा कि, "नागपुर व अन्य भागों के कई कर्मचारी जो एसटी निगम से 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें अभी तक निगम से बकाया राशि नहीं मिली है। ये कर्मचारी बार-बार एसटी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं और उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है।"
हट्टेवार ने कहा कि, "कई वर्षों तक ईमानदारी से निगम की सेवा करने वाले कर्मचारियों को इस तरह से प्रताड़ित करना उचित नहीं है। यह सारी राशि ब्याज सहित कर्मचारियों को तत्काल दी जाए। साथ ही ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनकी पत्नी और परिवार को भी छह महीने का फ्री पास मिलना चाहिए। इसे देते समय उम्र की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।"
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अल्प पेंशन मिलती है। इस परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाना संभव नहीं है। इसलिए राज्य परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी संघ से मांग की गई कि एसटी से सेवानिवृत कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षणिक योग्यता व योग्यता को देखते हुए एसटी की सेवा में 5 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित कर उनके बच्चों को लिया जाए।
पहले चरण में 30 जनवरी को पूर्वी विदर्भ में सभी अनुसूचित जनजातियों के संभागीय कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी मांग नहीं माने जाने पर अजय हट्टेवार ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी भी दी।

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