रेप के मामले में अदालत की अहम टिप्पणी: बलात्कार सिर्फ शरीर पर नहीं जीवन भर का घाव है

नागपुर: बलात्कार के मामले में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक अहम टिप्पणी की है.दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया की दुष्कर्म सिर्फ शरीर पर नहीं बल्कि जीवन भर का घाव है.एक मैट्रिमोनियल साइट पर मिली युवती को विवाह का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले 24 वर्षीय युवक को सजा से राहत देने से नागपुर खंडपीठ ने इनकार कर दिया है। निचली अदालत ने भी आरोपी को दोषमुक्त करने से इनकार किया था इसी फैसले को हाई कोर्ट ने भी कायम रखा है। अपने फैसले में हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण राय दी है। कोर्ट के अनुसार इस प्रकार प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध स्थापित करना युवती के शरीर पर नहीं, उसके मस्तिष्क और पूरे जीवन पर घाव दे जाता है।
यह मामला वर्ष 2021 में शहर के सदर थाने में दर्ज हुआ था। आरोपी 24 वर्षीय युवक का एक मैट्रिमोनियल साइट पर 21 वर्षीय युवती से संपर्क हुआ। पीड़िता की शिकायत थी कि, आरोपी ने उससे विवाह करने के बहाने नजदीकियां बढ़ाई और करीब एक वर्ष तक उसके साथ संबंध रखा, लेकिन फिर विवाह को नजरअंदाज करने लगा। युवती के जोर देने के बाद युवक ने स्पष्ट कर दिया कि, उसके परिवार वाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं है, इसलिए वह विवाह नहीं कर सकता। इसी के चलते युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

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