केदार और वडेट्टीवार ने सरकार के विरोध में लगाई याचिका, बावनकुले बोले- उद्धव ठाकरे ने 3000 करोड़ के कामों पर लगाई थी रोक

नागपुर: महाविकास अघाड़ी के समय में मंजूर कामों पर रोक लगाने को लेकर एमवीए विधायकों और शिंदे-फडणवीस सरकार के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार मंजूर कामों से प्रतिबंध हटाने को लेकर कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री सुनील केदार और विजय वडेट्टीवार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में सरकार के विरोध में याचिका लगाया है। अपनी इस याचिका पर दोनों विधायकों ने सरकार पर उनके विधानसभा क्षेत्र के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस विधायकों की याचिका पर महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अध्यक्ष चंद्र शेखर बावनकुले ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, "जब महाविकास अघाड़ी सरकार आई थी तब अकेले नागपुर जिले के 3000 करोड़ रूपये के कामों पर रोक लगा दी थी।"
शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए बावनकुले ने कहा, "किस काम को मंजूरी देनी है किस काम को आगे बढ़ाना होता है यह सरकारों का अधिकार होता है। 2019 में जब हमारी सरकार गई और उद्धव ठाकरे की सरकार आई तो तब कई महत्वपूर्ण कामों पर रोक लगा दी थी।"
उन्होंने कहा, "एमवीए सरकार ने तब अकेले नागपुर जिले के विकास के लिए मंजूर 3000 करोड़ रूपये से ज्यादा के कामों पर रोक लगा दी थी। 900 करोड़ के नागपुर मनपा के कामों पर रोक लगा दी थी। इसी के साथ जिला परिषद् के कामों पर भी रोक लगा दी थी।"
रोका था नागपुर का पानी
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "उद्धव ठाकरे सरकार ने नागपुर शहर के लिए महत्वपूर्ण लोह्डोंगरी टनल तक का काम रोक दिया था। जो शहर को 50 साल तक पानी उपलब्ध कराने वाली थी।" उन्होंने कहा, “अभी उन्होंने याचिका लगाई है। हर सरकार बदलने पर कामों पर रोक लगाई जाती है। हर सरकार ये काम करती है। इसलिए जानबूझकर रोकने के आरोप पर कोई दम नहीं है। ऐसा नहीं होता।”

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