logo_banner
Breaking
  • ⁕ जय ओबीसी जय संविधान के नारे से गूंजा नागपुर, विजय वडेट्टीवार की अगुवाई में निकला महामोर्चा; दो सितंबर को जारी जीआर को रद्द करने की मांग ⁕
  • ⁕ वाठोड़ा में महिला की रहस्यमयी हत्या, घर में तकिए से मुंह दबाकर उतारा मौत के घाट; पुलिस के लिए बनी पहेली ⁕
  • ⁕ WCL खदान में हादसा, क्रेन के नीचे मिला वेकोलि कर्मी का शव; हत्या या आत्महत्या की आशंका ⁕
  • ⁕ Nagpur: सड़क किनारे नाले में मिला युवक का शव, कामठी शहर की घटना ⁕
  • ⁕ Amravati: मेलघाट में मातृ मृत्यु 'ट्रैकिंग' व्यवस्था सिर्फ़ कागज़ों पर... छह महीने में नौ की मौत ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती, अकोला और नागपुर के बाज़ारों में मेलघाट का स्वादिष्ट सीताफल ⁕
  • ⁕ विदर्भ की 71 नगर परिषदों में अध्यक्ष पदों का हुआ बंटवारा, जानिए किस वर्ग के नाम हुआ कौन-सा शहर! ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Nagpur

Nagpur: 11वे दिन नवजात की मौत, पिता ने फर्श पर पटका था


नागपुर: मेडिकल अस्पताल के चिकित्सकों की पूरी टीम की आंखों में उस समय आंसू आ गए, जब चाहकर भी वे एक नवजात को नहीं बचा पाए। बीते वर्ष 31 दिसंबर को शाम करीब 6 से 6.30 बजे के दरमियान मेडिकल अस्पताल में नवजात बच्चे को जन्म देने वाली महिला से उसके पति ने वार्ड में जमकर मारपीट की थी। उसके नवजात बच्चे को फर्श पर फेंक दिया था। इस घटना में बच्चे के सिर में गंभीर चोट लगी थी। उस समय बच्चा बस दो दिन का था। 

अस्पताल के चिकित्सकों व नर्सों ने तत्काल उसे आईसीयू में भर्ती किया। एक्सरे जांच में पता चला कि उस मासूम के खोपड़ी में फ्रैक्चर हुआ है। उसकी जान बचाने के लिए चिकित्सकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया। निवासी चिकित्सकों की पूरी टीम बच्चे और उसकी मां के स्वास्थ्य की देख-रेख कर रहे थे। करीब 11 दिन तक जंग लड़ने के बाद 11 जनवरी की सुबह करीब 11 बजे मासूम की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, सावरडी अमरावती निवासी प्रतीक्षा ने गिरीश गोंडाणे के साथ प्रेम विवाह किया था। कुछ दिन सब कुछ ठीक चला, फिर दोनों में विवाद होने लगा। यहां तक कि गिरीश उसके चरित्र पर भी शक करने लगा। इसी बीच, जीवनकला गर्भवती हो गई। समय आने पर उसे प्रसूति के लिए मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीते वर्ष के अंतिम दिन जब लोग जश्न के लिए अपनों को तलाश रहे थे, गिरीश ने अपने जिगर के टुकड़े के साथ वह काम किया, जिसकी कल्पना से रूह कांप जाए। 

गिरीश गोंडाणे उस वार्ड में पहुंचा, जहां प्रतीक्षा नवजात के साथ भर्ती थी। वह गुस्से में आग-बबूला था। चरित्र का तना मारते हुए उसने प्रतीक्षा के साथ मारपीट की। फिर दो दिन के नवजात बच्चे को बेड से उठाकर फर्श पर पटक कर दिया। बच्चे के सिर में गंभीर चोटें लगी। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने उस बच्चे को भरसक बचाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके।