Nagpur: गर्मी के साथ बढ़ा फाइलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का प्रकोप, NMC के सर्वे में क्यूलेक्स मच्छरों की संख्या बढ़ने की पुष्टि

नागपुर: शहर में गर्मी के मौसम की दस्तक के साथ ही फाइलेरिया (Filaria) फैलाने वाले मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। NMC के मलेरिया-फाइलेरिया विभाग द्वारा मार्च महीने में किए गए एक सर्वेक्षण में शहर के सभी जोन में क्यूलेक्स (Culex) मच्छरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि पाई गई है। यह चिंताजनक है क्योंकि यही मच्छर फाइलेरिया के साथ-साथ हाथीपाँव (Elephantiasis) जैसी गंभीर बीमारियों के प्रसार के लिए जिम्मेदार होते हैं।मनपा नियमित रूप से शहर भर में मच्छरों की आबादी का आकलन करती है।
ठंड के महीनों में साफ पानी में पनपने वाले डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों का प्रकोप अधिक था। हालांकि अब स्थिति बदल गई है और पूरे शहर में क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों की मौजूदगी बड़े पैमाने पर देखी जा रही है।मनपा के मार्च महीने के सर्वेक्षण के अनुसार शहर के अधिकांश जोन में क्यूलेक्स मच्छरों की घनत्व (डेंसिटी) 50% तक पाई गई है। यह High Density Filariasis जैसी गंभीर बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ाता है।
मनपा अधिकारियों के अनुसार इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के सामने आने के बाद मच्छरों के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल उपाय योजनाएं शुरू कर दी गई हैं।विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर जहां साफ पानी में प्रजनन करते हैं, वहीं क्यूलेक्स मच्छर आमतौर पर गंदे और रुके हुए पानी में पाए जाते हैं। गर्मी के मौसम में जलभराव और गंदगी बढ़ने के कारण इन मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन जाती हैं, जिससे इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती है।
मनपा अब उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है जहां गंदा पानी जमा है और वहां मच्छर नियंत्रण के उपाय तेज किए जा रहे हैं ताकि शहरवासियों को फाइलेरिया और हाथीपाँव जैसी बीमारियों से बचाया जा सके। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे अपने आसपास सफाई रखें और पानी जमा न होने दें।

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