NIT भूमि आवंटन घोटाला- अधिकारियों ने अदालत में दी जानकारी जो किया राज्य सरकार के निर्देश पर

नागपुर: बीते दिनों राज्य के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान गूंजे भूखंड आवंटन घोटाले में एनआयटी द्वारा दिए गए जवाब के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है.एनआयटी द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है की जो कुछ किया गया है वह राज्य सरकार के निर्देश और नवीन कुमार समिति की सिफारिशों पर किया गया है.अपने जवाब में एनआयटी द्वारा कहा गया है की मौजा हरपुर के जिस भूखंड जो बाद में विवादित हो गया.उसके नियमितीकरण में हमारे द्वारा किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है.एनआयटी ने अपना जवाब अदालत में शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया। खास है की इस मामले की आंच सीधे सीएम एकनाथ शिंदे तक पहुंची थी जिस पर शिंदे ने हाईकोर्ट में ही सफ़ाई देते हुए इसे अधिकारियों की चूक बताया था.अब इस मामले की सुनवाई 8 फ़रवरी को होगी।
प्रन्यास ने हाईकोर्ट को बताया की जान एनआयटी की ज़मीन में अनधिकृत ले आउट का मामला सामने आया तब वर्ष 2004 से 2006 के बीच 49 मामले राज्य सरकार को भेजे गए थे.वर्ष 2007 में राज्य सरकार ने जीआर निकालकर ऐसे भूखंडों के नियमितीकरण का निर्णय लिया। एनआयटी 34 प्रकरण में भूखंड धारकों के नाम अधिग्रहण के लिए आने वाले खर्च को लेकर उनके ही नाम कर दिया। लेकिन उस वक्त एक मामले अदालत में विचाराधीन था.इसलिए हरपुर भूखंड नियमितीकरण का फैसला रद्द कर दिया गया.बाद में एनआयटी ने सिटी सर्वे में यह ज़मीन अपने नाम कर ली थी.बाद में सरकार के निर्देश पर इसी भूखंड का नियमितीकरण किया गया.

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